Wo-man Ki Baat: 'स्त्री को इंसान ही बने रहने दो, वही बहुत है'
विनीता बाडमेरा अजमेर की रहनेवाली हैं. कवि-कथाकार के रूप में विनीता की पहचान तो रही ही है, इन दिनों वे बतौर समीक्षक भी स्थापित होती दिख रही हैं. विनीता बाडमेरा का पहला कहानी संग्रह 'एक बार आखिरी बार' 2023 में आया था. विनीता बाडमेरा की कहानियों और कविताओं से गुजरते हुए यह बात साफ तौर पर दिखती है कि वे समाज और उसके सरोकारों पर बहुत बारीक निगाह रखती हैं. विनीता बाडमेरा की समाज, राजनीति, कला, साहित्य और संस्कृति की समझ उनकी समीक्षाओं में देखी जा सकती है. तो ऐसे में DNA Hindi ने स्त्रियों से जुड़ मुद्दे पर उनसे बातचीत की. उनसे हुई बातचीत के अंश DNA Hindi आपसे साझा कर रहा है.
DNA Katha Sahitya : विनीता बाडमेरा की कहानी 'शटर के आर-पार'
Hindi Literature: विनीता की कहानियों में मध्यवर्गीय चरित्र और परिवेश सजीव हो उठता है. विनीता का कथालेखन अपनी डिटेलिंग के कारण हर बारीक पहलुओं से आपको रू-ब-रू कराता है. एक दुकानदार का अंतर्द्वंद्व, उसका संघर्ष और इस संघर्ष के बूते कामयाब होने के उसके मंत्र से परिचित कराती कहानी है 'शटर के आर-पार'.