हिंदू धर्म में भगवान महादेव की पूजा का विशेष महत्व है. इसके प्रभाव से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं तथा मन में मौजूद सभी प्रकार के भय भी दूर होते हैं. लेकिन प्रदोष व्रत का दिन महाकाल की विशेष कृपा पाने के लिए सर्वोत्तम है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से शिव परिवार का आशीर्वाद मिलता है और सभी संकट टल जाते हैं. यह व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन यदि सच्ची श्रद्धा से भगवान शिव को खीर और बेलपत्र अर्पित किए जाएं तो मनचाहा वरदान प्राप्त होता है. इस वर्ष अप्रैल माह का प्रदोष व्रत 25 अप्रैल, शुक्रवार को मनाया जाएगा. जानें इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
 
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

इस बार वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 अप्रैल शुक्रवार को सुबह 11:44 बजे शुरू होगी. यह तिथि शनिवार 26 अप्रैल को प्रातः 8.27 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार वैशाख मास का पहला प्रदोष व्रत 25 अप्रैल को रखा जाएगा. इस दिन शुक्रवार होने के कारण इसे शुक्र प्रदोष कहा जाएगा.

पूजा विधि

  • प्रदोष व्रत पूजा के लिए सबसे पहले पूजा स्थल पर शिवलिंग स्थापित करें.
  • इसके बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं.
  • अब आप बेलपत्र, पुष्प, गुड़हल के पुष्प और कुछ फल अर्पित करें.
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  • इस दौरान आप भगवान शिव को मिठाई का भोग भी लगा सकते हैं.
  • इसके बाद शुक्र प्रदोष व्रत की कथा कहें.
  • भगवान शिव की आरती करें.
  • इस दौरान आप भगवान शिव समेत पूरे शिव परिवार की आरती कर सकते हैं.
  • अंत में सुख-समृद्धि की कामना करें तथा अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें.

प्रदोष व्रत के दिन क्या करें

  • प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को नमक खाने से बचना चाहिए. इसके अलावा प्रदोष काल में कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए.
  • भूलकर भी तामसिक भोजन, मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा काले कपड़े पहनने से बचें.
  • किसी भी व्यक्ति के बारे में नकारात्मक विचार मन में न लाएँ. किसी के साथ बहस नहीं होनी चाहिए.
  • किसी को झूठ नहीं बोलना चाहिए और अपने बड़ों का अपमान या अनादर नहीं करना चाहिए.

प्रदोष व्रत के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

  1. प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद साफ कपड़े पहनें.
  2. इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.
  3. प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर पान, गंगा जल, दूध, दही और शहद चढ़ाएं.
  4. इस दिन शिव मूर्ति या शिवलिंग को चंदन, रोली और फूलों से सजाएं.
  5. प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक दोनों किया जा सकता है.
  6. प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग के सामने धूप व दीप जलाएं और आरती करें.
  7. इस दिन शिवपुराण का पाठ करना चाहिए.
  8. प्रदोष व्रत के दिन जरूरतमंदों और ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करें.
  9. प्रदोष व्रत के दिन फल, वस्त्र, अनाज, काले तिल और गाय का दान करने से पुण्य मिलता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है, जो लोक कथाओं और मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टी नहीं करता है)

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On which day will Shukra Pradosh fast be observed in the month of April? Know the auspicious time and method of worship
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अप्रैल माह में शुक्र प्रदोष व्रत कब है? जानें शुभ मुहूर्त, महत्व
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अप्रैल माह में शुक्र प्रदोष व्रत कब है? जानें शुभ मुहूर्त, महत्व
 

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