'सपने पूरे होते हैं उनके जिनके सपनों में जान होती हैं, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है'. ये लाइन बिहार के बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल पर बिल्कुल सटीक बैठती है. वेदांता रिसोर्सेज के फाउंडर और चेयरमैन अन‍िल अग्रवाल (Anil Agarwal) के बारे में. इनकी सफलता की कहानी काफी प्रेरणादायक है. वेदांता से पहले इन्‍होंने 9 बिजनेस की शुरुआत की थी, लेकिन सभी में फेल रहे. लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं मानी. एक बार फिर हौसले के साथ इन्होंने फिर कंपनी की शुरुआत की. यह कंपनी वेदांता रिसोर्सेज थी, जो आज दुनिया भर में मशहूर है और इसकी वैल्‍यूवेशन अरबों डॉलर में है. अनिल अग्रवाल देश के सफल कारोबारियों में से एक माने जाते हैं. सबसे खास बात तो ये है कि अनिल अग्रवाल कभी कॉलेज गए ही नहीं, लेकिन अपनी मेहनत के दम पर इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लिया. 

कौन हैं अनिल अग्रवाल 

अनिल अग्रवाल वेदांता समूह के अध्यक्ष और संस्थापक हैं, जिसकी स्थापना उन्होंने 1976 में की थी. 2003 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक होने से पहले, कंपनी शुरू में तारों का निर्माण करती थी. दूसरी ओर, अक्टूबर 2019 में अग्रवाल ने कंपनी को निजी बना लिया. आपको बता दें कि उनका जन्म 1954 में पटना के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था. उनका जन्म एक छोटे से स्क्रैप मेटल व्यवसाय से लेकर चालीस साल पहले खनन और पेट्रोलियम सहित एक वाणिज्यिक साम्राज्य के साथ भारत के सबसे धनी उद्योगपतियों में से एक बनने तक का सफर तय करने वाले व्यक्ति के रूप में हुआ.

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अग्रवाल ने 1970 के दशक के मध्य में स्क्रैप मेटल के साथ काम करना शुरू किया. उन्होंने 1976 में शमशेर स्टर्लिंग कॉर्पोरेशन खरीदा. दस साल बाद, उन्होंने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज का गठन किया, जिसने 1993 में भारत का पहला निजी क्षेत्र का कॉपर स्मेल्टर और रिफाइनरी बनाया. कुछ साल बाद, उन्होंने सरकारी स्वामित्व वाली HZL (हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड) का लगभग 65% और भारत एल्युमिनियम कंपनी (BALCO) का 51% अधिग्रहण करके खनन क्षेत्र में कदम रखा.

कबाड़ बेचकर खड़ा किया कारोबार 

अनिल अग्रवाल ने कबाड़ बेचकर अपना कारोबार शुरू किया और माइंस और मेटल के सबसे बड़े कारोबारियों में से एक बन गए. कैम्‍ब्र‍िज में अपने संबोधन के दौरान अनिल अग्रवाल ने बताया कि अपने पिता के कारोबार के लिए वे स्कूल छोड़ दिया और पुणे और फिर मुंबई आ गए. उन्होंने अपना करियर स्क्रैप डीलर के तौर पर शुरू किया. उन्होंने कुल नौ अलग-अलग बिजनेस शुरू किए, लेकिन सभी नौ बार वे फेल हो गए. तनाव इतना बढ़ा कि उन्हें अवसाद भी झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. आज Vedanta Ltd का मार्केट कैप करीब 2 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. 

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who is Vedanta ltd chairman anil Agarwal who sold garbage now became a billionaire bihars most rich businessman know all about him
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कबाड़ से शुरु किया अब खजाना निकालती है इनकी कंपनी, जानें कौन हैं बिहार के
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Anil Aggarwal: कबाड़ से शुरु किया अब खजाना निकालती है इनकी कंपनी, जानें कौन हैं बिहार के अरबपति बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल 
 

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