Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कठोर कदम उठाए हैं. इसमें पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा निरस्त करना भी शामिल है. भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए महज 72 घंटे का टाइम दिया है. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी गुरुवार को जवाबी कार्रवाई करने का ऐलान किया है. पाकिस्तान ने भी भारतीय नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत दिए सभी वीजा तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिए हैं. साथ ही उन्हें 48 घटे के अंदर भारत वापस लौटने का फरमान सुनाया है. पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर को भी बंद करने की बात कही है. पाकिस्तान अपनी इस कार्रवाई में भी 'गंदी चाल' चलने से बाज नहीं आया है. पाकिस्तान ने सभी भारतीयों के वीजा रद्द नहीं किए हैं बल्कि सिखों को इस कार्रवाई से बाहर रखा है. इसे पाकिस्तान की पंजाब में 'खालिस्तान आंदोलन' की हवा को भड़काने की साजिश का हिस्सा माना जा रहा है.
पाकिस्तान ने किए हैं भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में ये ऐलान
पाकिस्तान PMO की तरफ से गुरुवार को एक बयान जारी किया गया है. इस बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा हालात और क्षेत्रीय स्थिति को देखते हुए बैठक की गई है. इस बैठक में समिति ने टूरिस्ट्स की जान जाने पर चिंता जताई है. साथ ही 23 अप्रैल को भारत की तरफ से घोषित फैसलों की समीक्षा करते हुए उन्हें एकतरफा, अन्यायपूर्ण, राजनीति से प्रेरित और गैरजिम्मेदाराना बताया है. साथ ही निम्न फैसले लिए गए हैं-
- सिख धार्मिक तीर्थयात्रियों को छोड़कर सभी भारतीय नागरिकों को SVES के तहत जारी वीजा रद्द कर दिए गए हैं.
- सभी भारतीय नागरिकों को, सलाहकारों को, उनके सहायक कर्मचारियों को 48 घंटे के अंदर भारत लौटने के आदेश दिए गए हैं.
- वाघा बॉर्डर चेकपोस्ट को बंद किया जा रहा है, जिन्होंने वैध वीजा पर यह चेकपोस्ट पार किया है, वे 30 अप्रैल के बाद वापस नहीं लौट पाएंगे.
- इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की क्षमता को 30 अप्रैल से 30 राजनयिकों व कर्मचारियों पर सीमित कर दिया जाएगा.
- भारत की सभी एयरलाइंस के विमानों के लिए पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है.
- भारत के साथ सभी तरह के व्यापार और पाकिस्तान के जरिये उसका तीसरे देश में आवागमन तत्काल बंद कर दिया गया है.
- पाकिस्तान भारत के साथ शिमला समझौते समते सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने के अधिकार का प्रयोग कर रहा है.
- भारत इंटरनेशनल मर्डर और इंटरनेशनल लॉ और कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का पालन नहीं करने से बाज नहीं आ रहा है.
पाकिस्तान लगातार दे रहा पंजाब में अलगाववाद को बढ़ावा
भारतीय पंजाब में खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन फिर से चिंगारी पकड़ रहा है. पहले भी इस अलगाववाद को पाकिस्तान की तरफ से ही सहयोग दिया जा रहा था. अब भी इसे बढ़ावा मिलने के पीछे लगातार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ होने के सबूत मिल रहे हैं. भारत में खालिस्तान अलगाववाद 2.0 के पीछे मेन फोर्स अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस और ग्रीस जैसे देशों में मौजूद आतंकी संगठन हैं. इन संगठनों में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI), खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF), सिख फॉर जस्टिस (SFJ) जैसे प्रतिबंधित संगठन शामिल हैं, जो विदेशों में सिखों की दूसरी पीढ़ी का 'ब्रेनवॉश' करने का काम कर रहे हैं. विदेशी जमीन पर ही जन्मी इस दूसरी पीढ़ी को भारतीय सर्वधर्म सद्भाव और विविधता की जानकारी नहीं है. ऐसे में वे आसानी से इनके बहकावे में आ जाते हैं. इन संगठनों के लिए पंजाब और विदेशों में हथियार से लेकर फाइनेंस तक जुटाने का काम ISI के अधिकारी कर रहे हैं.
विदेशों में भारत विरोधी सिख गतिविधियों की आयोजक है ISI
ISI अधिकारी विदेशों में भारत विरोधी सिख अलगाववादी गतिविधियों के संचालक और आयोजक के तौर पर काम कर रहे हैं. भारतीय खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना में 'चौधरी साहब' के नाम से मशहूर लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद महमूद मल्ही ही कनाडा में खालिस्तान रेफरेंडम 2020 का मास्टरमाइंड था. उसके कंप्यूटर से भारतीय एजेंसियों को रेफरेंडम 2020 से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए थे. खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के हरमीत सिंह 'पीएचडी' को तो ISI ने लाहौर कैंट के पास ही अपने सेफ हाउस में रखा हुआ है और वह लगातार पाकिस्तान में खुलेआम घूमता हुआ दिखाई देता है.
पंजाब में नशे के जरिये अलगाववाद फैलाने की है साजिश
ISI की एक और खतरनाक तरकीब का खुलासा भारतीय खुफिया एजेंसियों ने किया है. इसके मुताबिक, पंजाब के सीमावर्ती जिलों में ISI ने भारी मात्रा में ड्रग्स, हथियार और नकली करेंसी की तस्करी का जाल फैलाया है. इसके लिए ISI ने पंजाबी गैंगस्टरों को भी मोटे मुनाफे का लालच देकर अपने साथ जोड़ा है. भारत सरकार की एक हालिया स्टडी में पाया गया था कि पंजाब में करीब 8.6 लाख युवा नशे के आदी हैं. इनकी उम्र 15 से 35 वर्ष के बीच में हैं. इनमें करीब 53% हेरोइन के नशे के आदी हैं. ये युवा नशे के लिए आसानी से गैंगस्टरों के जाल में फंस जाते हैं, जो ISI की नीति के तहत इनके दिमाग में चरमपंथी धार्मिक प्रचार भरकर उन्हें पंजाब में बम विस्फोट व हत्या जैसी घटनाओं के लिए तैयार कर रहे हैं.
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