Shenzhen Economic Growth: 1980 की शुरुआत में, शेन्जेन चीन के दक्षिण तट पर मछुआरों का एक छोटा सा गांव हुआ करता था. आज यह वैश्विक स्तर पर तकनीक के मामले में एक बड़ा नाम हो गया है. हुआवेई, टेनसेंट और डीजेआई जैसी फर्मों का घर यह गांव आज चीन की आर्थिक उन्नति का प्रतीक बन गया है. इस परिवर्तन ने शहर को अर्बन इनोवेशन और आर्थिक उन्नति के ब्लूप्रिंट में बदल दिया है. 

मछुआरों का गांव कैसे बना टेक हब

इस शहर की अर्थरव्यवस्था की तुलना हांगकांग और सिंगापुर से की जाती है. शेन्जेन जो 1970 के दशक में मात्र 30,000 की आबादी का गांव था. वह 1980 तक आते-आते चीन का पहला विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone) घोषित हो गया. इसके पीछे वजह थे सुधारवादी नेता डेंग शियाओपिंग. उन्होंने 1978 में चीन में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की और ओपन डोर पॉलिसी की शुरुआत की. इसी नीति के तहत शेन्जेन को चीन का आर्थिक क्षेत्र घोषित किया गया. 

विशेष आर्थिक क्षेत्र बनने से क्या होता है?

विशेष आर्थिक क्षेत्र घोषित होने के शेन्जेन की अर्थव्यवस्था को अधिक बल मिला. अब शेन्जेन में विदेशी निवेश की अनुमति, टैक्स रियायत, भूमि और श्रम नीतियों में लचीलापन और तकनीकी और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलने लगा. यही नहीं शेन्जेन में निवेशकों की जैसे बाढ़ आ गई हो. यहां कई बड़ी टेक कंपनियों ने अपनी फर्म शुरू कीं. आज यह शहर तकनीक, इलेक्ट्रोनिक्स, टेक्नोलॉजी, संरचना और नवाचारों का हब है. 


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प्रेरणा बना शहर

शेन्जेन आज 1.7 करोड़ लोगों का घर है. इसकी जीडीपी आज हांगकांग से अधिक हो चुकी है. वहीं, वैश्विक रैंकिंग में यह व्यापारिक और नवाचारों का केंद्र बन गया है. हालांकि, कई लोगों को इस बात का भी मलाल है कि कभी ये शहर मछली की बास से महकता था लेकिन आज बिल्डिंग की सीमेंट और धूल से महकता है. उपबल्धियों के साथ इस शहर ने चुनौतियां भी देखी हैं. हालांकि, शेन्जेन इस बाक का उदाहरण है कि सही नीतियों, सरकारी समर्थन और वैश्विक सोच के साथ कोई भी क्षेत्र बदल सकता है.   

 

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Explainer henzhen was once a small fishermen village how did it become a symbol of China economic power in just a few years
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Explainer: कभी मछुआरों का छोटा सा गांव था Shenzhen
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Explainer: कभी मछुआरों का छोटा सा गांव था Shenzhen, कुछ ही साल में कैसे बन गया चीन की आर्थिक ताकत का सिंबल?

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