Who Is Anurag Bajpayee: अमेरिका में क्लीन वाटर स्टार्टअप कंपनी ग्रैडिएंट (Gradiant) के भारतवंशी सीईओ अनुराग बाजपेयी को गिरफ्तार किया गया है. अनुराग पर अमेरिका में चल रहे लग्जरी वेश्यालयों के साथ लिंक होने का आरोप लगाया गया है. अमेरिकी अखबारों के मुताबिक, बोस्टन की अदालत के दस्तावेजों में अनुराग का नाम भी उन असंख्य लोगों में शामिल है, जिन पर साल 2025 की शुरुआत में घंटे से हिसाब से हाई-प्रोफाइल वेश्याओं की सेक्स सर्विसेज लेने के लिए पेमेंट करने का आरोप है.
एशियाई महिलाओं की सैक्स ट्रैफिकिंग की जांच में खुला मामला
यह मामला उस समय सामने आया, जब अवैध तरीके से चल रहे लग्जरी वेश्यालयों में एशियाई महिलाओं की मौजूदगी को पकड़ा गया. इन महिलाओं को वेश्यावृति के लिए ही मानव तस्करी के जरिये अवैध तरीके से अमेरिका लाया गया है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, अभियोजकों ने कहा है कि बाजपेयी उन हाई प्रोफाइल क्लाइंट्स के ग्रुप में शामिल हैं, जिसमें कई कंपनियों के सीईओ, डॉक्टरों, वकीलों, जनसेवकों और सरकारी ठेकेदारों के नाम हैं. जांच में सामने आया है कि ये क्लाइंट्स कथित तौर पर लग्जरी सुविधाओं के बीच इन वेश्याओं के साथ समय बिताने के लिए 600 डॉलर (60,000 रुपये घंटा) तक का पेमेंट दे रहे थे.
कर्मचारियों ने मांगा इस्तीफा, कंपनी ने दिया साथ
अनुराग बाजपेयी का नाम इस सैक्स स्कैंडल में सामने आने के बाद ग्रैडिएंट कंपनी के बहुत सारे कर्मचारियों ने उनसे इस्तीफा देने की मांग की है. हालांकि इस मांग के बावजूद कंपनी अपने सीईओ के पक्ष में खड़ी है. ग्रैडिएंट कंपनी ने एक बयान जारी करते हुए न्यायिक व्यवस्था में विश्वास जताया और अपने मिशन के प्रति बाजपेयी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है. कंपनी ने कहा,'हमें न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा है और हम आश्वस्त हैं कि समय के साथ यह (बाजपेयी का मामला) सकारात्मक रूप से हल हो जाएगा. ग्रैडिएंट तकनीकी नवाचार में उत्कृष्टता की खोज जारी रखेगा और पूरे समाज के लिए स्वच्छ जल सुनिश्चित करने के हमारे मिशन की दिशा में प्रयास करेगा.'
अब जान लीजिए कौन हैं अनुराग बाजपेयी
अनुराग बाजपेयी ग्रैडिएंट कंपनी के सीईओ होने के अलावा सह-संस्थापक भी हैं. ग्रैडिएंट बोस्टन बेस्ड कंपनी है, जो एडवांस वाटर व वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट सॉल्यूशंस में स्पेशलाइज्ड सर्विसेज प्रोवाइड करती है. भारत में जन्मे बाजपेयी क्लीनटेक इंडस्ट्री में मशहूर हस्ती माने जाते हैं, जिन्होंने मैसाचुएट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में पढ़ाई के दौरान साल 2013 में बनाई ग्रैडिएंट कंपनी को ग्लोबल लीडर बनाया है. आज इस कंपनी की वैल्यू 1 अरब डॉलर है. उनकी कंपनी आज सेमीकंडक्टर्स, फार्मास्यूटिकल्स, माइनिंग और फूड व ब्रेवरेज सेक्टर में काम कर रही कंपनियों के सामने साफ पानी की उपलब्धता और वेस्ट वाटर को ठिकाने लगाने की चुनौतियों के सॉल्यूशन दे रही है. कंपनी का काम करीब 25 देशों में फैला हुआ है और उसके 2,500 से ज्यादा सेंटर ऑपरेट हो रहे हैं.
लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज के एल्यूमिनी हैं बाजपेयी
अनुराग बाजपेयी की जड़ें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हैं, जहां के ला मार्टिनियर कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने साल 2006 में मिसौरी-कोलंबिया यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की. फिर वे एडवांस डिग्री लेने के लिए MIT चले गए थे, जहां से उन्होंने साल 2008 में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ही उन्होंने साल 2012 में PhD कंप्लीट की थी. उन्होंने डॉक्ट्रेट के दौरान इंडस्ट्रियल डिसेलिनेशन और वाटर ट्रीटमेंट से जुड़ी रिसर्च पर फोकस किया था और मेमब्रेन-फ्री डिसेलिनेशन टेक्निक ईजाद की थी. उनकी इस रिसर्च को साइंटिफिक अमेरिकन की तरफ से 'टॉप 10 वर्ल्ड-चेंजिंग आइडियाज' में से एक चुना गया था.
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