डीएनए हिंदी : चार दिन की छुट्टी के मज़े उठा रहे हैं तो जानते हैं, इन दिनों में एक ख़ास दिन गुड फ्राइडे का भी है. गुड फ्राइडे(Good Friday) क्यों मनाया जाता है? क्या विशेष है इस दिन के बारे में? कितना गुड है गुड फ्राईडे? आइए जानते हैं इन सभी चीज़ों के बारे में.
यह जीजस से जुड़ा हुआ है
ईसाई धर्म के अधिकतर त्योहार जीजस से जुड़े हुए हैं. गुड फ्राइडे (Good Friday) भी ईशा मसीह से ही जुड़ा हुआ है. इसे उनके क्रूसीफिकेशन का दिन कहा जाता है. माना जाता है कि इसी दिन उन्हें सूली चढ़ाई गई थी. इसाई धर्म में यीशु के सूली चढ़ने और वापस ज़िंदा होने को बेहद ख़ास दर्जा दिया गया है. इसे सभी जीवों के लिए विशेष महत्व का बताया जाता है. माना जाता है कि अपने अनुयाइयों के पापों की वजह से जीजस की मौत हुई थी. उन्हें दफनाया गया और तीसरे दिन वे वापस ज़िंदा हो गए. यह सब ठीक वैसा हो रहा था, जैसा होने का वादा ईश्वर ने अपने पहले शास्त्र में दर्ज किया था.
अपनी मर्ज़ी से कष्ट उठाया था ईश्वर के बेटे ने
ईसाई धर्म यीशु को ईश्वर का बेटा मानता है. गुड फ्राइडे(Good Friday) पर उनके क्रूसीफिकेशन के विषय में माना जाता रहा है कि यह उन्होंने अपनी मर्ज़ी से किया था. वे अपनी मर्ज़ी से दर्द उठाना चाहते थे. वे चाहते थे कि उन्हें मानने वाले उनकी इस कुर्बानी का महत्व समझें.
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क्रूसीफिकेशन के बाद भी क्यों कहा जाता है इसे गुड फ्राइडे
इस दिन जीजस की मौत हुई थी फिर भी यह दिन गुड फ्राइडे(Good Friday) कहलाता है क्योंकि इसे लेकर ईसाई धर्म सकारात्मक रवैया अपनाता है कि लोगों को अपनी गलतियों का अहसास हुआ. जीजस की मौत हुई और वे फिर उठ खड़े हुए. हालांकि जर्मनी या ऐसी कुछ जगहों पर इसे दुखी करने वाले शुक्रवार के तौर पर भी मनाया जाता है पर गुड फ्राइडे से ईस्टर भी जुड़ा हुआ है, वह रविवार जब जीजस उठ खड़े हुए थे. पुनः ज़िंदा हो गए थे.
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