किसानों की आत्महत्या के लिए बदनाम महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र का सूखाग्रस्त जिला यवतमाल इस बार अच्छी खबर के लिए चर्चा में है. इस जिले से महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला आईएएस अधिकारी निकली हैं. ऑटो चालक की बेटी अदीबा अनम इस साल यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्ष में 142वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने वाली राज्य की पहली मुस्लिम महिला हैं.

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बचपन से ही पढ़ाई में होनहार रही हैं अदीबा

अदीबा के पिता अशफाक शेख इतने खुशकिस्मत नहीं थे कि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर पाते. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उन्हें दसवीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी और ऑटो चलाकर अपने परिवार का गुजारा करना पड़ा लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाकर आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. बचपन से ही पढ़ाई में होनहार स्टूडेंट्स अदीबा को पढ़ाने के लिए उन्होंने हर सुविधा और सपोर्ट दिया. अदीबा के दो छोटे भाई भी अपनी बहन के नक्शेकदम पर चल रहे हैं. 10वीं में 98% और 12वीं में साइंस स्ट्रीम में 97% अंक हासिल करने के बाद अदीबा यवतमाल छोड़कर पुणे चली गईं जहां से उन्होंने मैथमेटिक्स के साथ ग्रेजुएशन किया.

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बचपन से ही आईएएस बनने का था सपना

एक इंटरव्यू में अदीबा ने बताया, 'ग्रेजुएट होने के बाद कई स्टूडेंट्स अपने भविष्य को लेकर कंफ्यूज होते हैं लेकिन मेरी नजर 12वीं कक्षा से ही सिविल सेवा परीक्षाओं पर थी. मुझे पता था कि मुझे क्या बनना है और मैंने इसके लिए काम किया. एनजीओ के सचिव के रूप में काम करने वाले मेरे मामा ने मुझे कई आईएएस अधिकारियों से मिलवाया और मेरी भी इस सेवा में दिलचस्पी जागी. मैंने आईएएस को अपना सपना बना लिया और इसे पूरा करने के लिए अथक प्रयास किया.'

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आसान नहीं था यूपीएससी का सफर

उन्होंने कहा कि सफलता का मार्ग कभी आसान नहीं था. इसमें बहुत सारी बाधाएं थीं लेकिन वह आईएएस बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए दृढ़ थीं. अदीबा ने कहा, 'ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म होने के बाद मैंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. मेरे पहले दो प्रयास निराशाजनक रहे, लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई. दूसरे प्रयास में मैं इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गई लेकिन यूपीएससी की फाइनल सिलेक्शन लिस्ट में जगह बनाने में असफल रही. मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और कड़ी मेहनत करने का फैसला लिया.'

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भविष्य के उम्मीदवारों को सलाह देते हुए अदीबा कहती हैं कि असफलताएं जीवन का हिस्सा हैं लेकिन उनसे सीखना चाहिए और मजबूत बनना चाहिए. उन्होंने कहा, 'आईएएस समाज सेवा की दिशा में पहला कदम है. मेरी दिलचस्पी वंचितों खासकर लड़कियों के लिए काम करने में होगी. मैं शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान देना चाहती हूं.'

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Auto driver daughter Adiba Anam became Maharashtra's first Muslim woman IAS, got 142th rank in UPSC cse 2024 know her educational background
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ऑटोवाले की बेटी बनीं महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला IAS, UPSC में लाईं इतनी रै
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ऑटोवाले की बेटी बनीं महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला IAS, UPSC में लाईं इतनी रैंक, जानें एजुकेशनल बैकग्राउंड

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ऑटो चालक की बेटी अदीबा अनम इस साल यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्ष में 142वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने वाली महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला हैं. जानें उनकी सफलता की कहानी
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ऑटोवाले की बेटी बनीं महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला IAS