आपने किसी गरीब शख्स के अमीर बनने की कहानी तो बहुत सुनी होगी. लेकिन आपको ऐसे उदाहरण बहुत कम ही देखने को मिलते हैं जब कोई अपनी अच्छी-भली सरकारी नौकरी छोड़कर बिजनेस की दुनिया में कदम रखे और उसमें भी शानदार सफलता हासिल करे. डॉ. उथया कुमार की कहानी भी कुछ ऐसी ही है जिन्होंने इसरो में साइंटिस्ट की जॉब छोड़कर अपना कैब का बिजनेस शुरू किया और आज इससे करोड़ों रुपये कमा रहे हैं.
यह भी पढ़ें- सिर्फ IAS ही नहीं बल्कि पायलट भी हैं S Siddharth, जानें बिहार के वायरल अफसर को UPSC में मिली थी कौन सी रैंक
असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर भी किया काम
उथया कुमार तमिलनाडु के खूबसूरत तटीय शहर कन्याकुमारी से हैं. सालों तक कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने के बाद उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में अपनी मनचाही नौकरी मिल गई. उन्होंने स्टेटिस्टिक्स में एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल करने के बाद इसरो में कदम रखा. यहां स्टेटिस्टिक्स में उनकी विशेषज्ञता ने काफी मदद की और उन्होंने अंतरिक्ष में उपग्रहों को भेजने के दौरान तरल ईंधन के सटीक घनत्व को सुनिश्चित किया. उन्होंने सात साल तक इसरो में काम किया. इतना ही नहीं इसरो में साइंटिस्ट के दौर पर काम करने के अलावा उन्होंने एक इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर भी पढ़ाया है.
बिजनेस मॉडल में क्या है खास
हालांकि कुछ समय तक जॉब करने के बाद उनके मन में बिजनेस करने की चाह जागी. साल 2017 में अपने दोस्तों के सहयोग से एसटी कैब्स लॉन्च की. कुछ ही गाड़ियों से शुरू हुआ यह व्यवसाय अब 37 गाड़ियों के बेड़े में बदल गया है जिससे सालाना करीब 2 करोड़ रुपये की आय होती है. उथया कुमार की जो बात उन्हें सबसे अलग बनाती है, वह है उनका अनोखा बिज़नेस मॉडल. जो ड्राइवर अपने वाहन के साथ उनके प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ते हैं उन्हें 70% तक की कमाई मिलती है. वह इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि उनके ड्राइवरों को उचित इनाम और प्रेरणा मिले. आज बिजनेस करने के इच्छुक देश के युवाओं के लिए वह रोल मॉडल बन चुके हैं.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

Uthaya Kumar ST Cabs
ISRO साइंटिस्ट ने नौकरी छोड़ शुरू किया टैक्सी स्टार्टअप, आज कर रहे करोड़ों की कमाई