यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देश की मुश्किल परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. हर साल लाखों युवा इस परीक्षा की तैयारी करते हैं लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं. कई बार असफल उम्मीदवारों दूसरे विकल्पों की तलाश में जुट जाते हैं लेकिन आज हम आपको जिस शख्स से मिलवाने जा रहे हैं उन्होंने आखिर तक हार नहीं मानी और अपनी मंजिल हासिल की. हम बात कर हैं यूपीएससी 2024 में चौथी रैंक लाने वाली शाह मार्गी चिराग की जिन्होंने अपने पांचवे प्रयास में यह परीक्षा क्रैक की और फिलहाल देश की बेहतरीन सिविल सेवक बनने की राह पर आगे बढ़ रही हैं.
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कंप्यूटर साइंस से कर रखी है इंजीनियरिंग
शाह मार्गी चिराग गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने गांधीनगर के सेंट जेवियर्स हाईस्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है. इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद की गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस के ब्रांच से इंजीनियरिंग की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. लगातार चार प्रयासों में उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई लेकिन अपने पांचवें प्रयास में उन्होंने चौथी रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की. इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आने के बावजूद उन्होंने यूपीएससी के लिए अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में समाजशास्त्र को चुना.
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2017 में टूटा दुखों का पहाड़
मार्गी का सफर इतना भी आसान नहीं था. उनपर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा जब साल 2017 में कार्डिएक अरेस्ट से उनके पिता चिराग शाह का निधन हो गया. हालांकि उन्होंने अपनी इस व्यक्तिगत क्षति को खुद पर हावी नहीं होने दिया और अपने दुख को अपनी ताकत बना लिया. उनकी मां एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं और उनका छोटा भाई अभी IISc बैंगलोर में पढ़ रहा है. मार्गी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और दोस्तों को दिया है.
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गुजरात लोकसेवा में मिली थी 55वीं रैंक
इससे पहले उन्होंने गुजरात लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी पास की. इसमें उन्हें 55वीं रैंक हासिल हुई थी जिसके बाद उन्हें राज्य कर अधिकारी के रूप में चुना गया. शाह मार्गी चिराग की सफलता ने न सिर्फ अपने परिवार और दोस्तों को गौरवान्वित किया बल्कि लाखों युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बनीं जो भविष्य में यूपीएससी की तैयारी कर सिविल सेवाओं में जाना चाहते हैं.
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Shah Margi Chirag UPSC 2024
कार्डिएक अरेस्ट से पिता को खोया, अपने दुख को बना लिया ताकत, जानें UPSC में चौथी रैंक लाने वाली शाह मार्गी चिराग की कहानी