बिहार का एक गांव ऐसा भी है जहां से हर साल 40 से 60 स्टूडेंट्स आईआईटी जेईई की परीक्षा पास करते हैं. इस गांव को लोग इंजीनियरों की फैक्ट्री भी कहते हैं. इस साल भी इस गांव के 40 स्टूडेंट्स ने आईआईटी जेईई मेन्स की परीक्षा पास की है और अब ये सभी स्टूडेंट्स 18 मई को होने वाली जेईई एडवांस परीक्षा में शामिल होंगे. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर बिहार का यह गांव कौन सा है और इसकी खासियत क्या है... 

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IIT फैक्ट्री है बिहार का यह गांव

यह गांव है बिहार का पटवा टोली गांव. इस गांव को पहले बुनकरों के गांव के नाम से जाना जाता था लेकिन अब इसे इंजीनियरों के गांव के नाम से जाना जाने लगा है. सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के स्टूडेंट्स भी यहां जेईई मेन्स और एडवांस्ड जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. कभी अपने हथकरघा उद्योग के लिए मशहूर पटवा टोली अब इंजीनियरिंग के इच्छुक युवाओं का केंद्र बन गया है. पिछले 25 सालों में इस गांव ने दर्जनों आईआईटीयन तैयार किए हैं और इसे बिहार की आईआईटी फैक्ट्री के तौर पर जाना जाने लगा है.

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जीतेंद्र पटवा थे इस गांव के पहले IIT स्टूडेंट

इस साल सफल उम्मीदवारों में सागर कुमार भी शामिल हैं जिन्होंने कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था. आर्थिक और भावनात्मक कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने वृक्षा नाम की एक एनजीओ की मदद से 94.8% मार्क्स हासिल किए. पटवा टोली में बदलाव की बयार 1991 में चलनी शुरू हुई थी. उस वक्त जीतेंद्र पटवा आईआईटी में एडमिशन पाने वाले इस गांव के पहले स्टूडेंट बने थे. उनकी उपलब्धि से प्रेरित होकर कई और लोगों ने भी इंजीनियरिंग के एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी शुरू की और सफल रहे. 

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वृक्ष फाउंडेशन स्टूडेंट्स को देता है फ्री कोचिंग

आज ऐसा कहा जाता है कि पटवा टोली के लगभग हर घर में कम से कम एक इंजीनियर है. गांव के आईआईटी के पूर्व स्टूडेंट ने 2013 में 'वृक्ष' फाउंडेशन की स्थापना की थी जो स्टूडेंट्स की प्रतिभा को निखारने में अहम भूमिका निभाता था. यह फाउंडेशन उम्मीदवारों के लिए निःशुल्क कोचिंग देने के साथ उन्हें स्टडी मैटेरियल भी मुहैया करवाता है. साथ ही ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से भी यहां स्टूडेंट्स को देशभर के सब्जेक्ट एक्सपर्ट टीचर्स से जोड़ा जाता है. यह मिशन उन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराता है जो निजी कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते या बड़े शहरों में जाकर तैयारी नहीं कर सकते.

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Patwa Toli village of Bihar is factory of engineers this year 40 students cracked JEE Mains Session 2 exam together
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बिहार का ये गांव है 'इंजीनियर्स की फैक्ट्री', इस साल 40 स्टूडेंट्स ने एक साथ क्र
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बिहार का ये गांव है 'इंजीनियर्स की फैक्ट्री', इस साल 40 स्टूडेंट्स ने एक साथ क्रैक किया JEE एग्जाम

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