भारत में आईएएस या आईपीएस बनना बच्चों का खेल नहीं है. इस पद के लिए यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करनी पड़ती है, वहीं कुछ मेधावी राज्यों की पीसीएस परीक्षा पास करते हैं और अपने बेहतरीन काम से प्रमोशन पाकर आईएएस अधिकारी बन जाते हैं. गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस प्रदीप शर्मा भी ऐसे ही अधिकारी रहे हैं जो प्रमोशन पाकर आईएएस बने थे लेकिन फिलहाल वह जेल की सलाखों के पीछे हैं क्योंकि भुज कोर्ट ने उन्हें 5 साल के कारावास की सजा सुनाई है. जानें आखिर क्या है पूरा मामला...

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कौन हैं पूर्व IAS प्रदीप शर्मा?

प्रदीप शर्मा मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने कमेस्ट्री सब्जेक्ट के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. साल 1981 में उन्होंने गुजरात एडमिनिस्ट्रेटिव एग्जाम पास किया था और फिर डिप्टी कलेक्टर से उनके करियर की शुरुआत हुई. अपने बेहतरीन काम के दम पर साल 1999 में उनका प्रमोशन हुआ और वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए. साल 2003 से 2006 तक वह कच्छ के कलेक्टर रहे. इससे पहले वह जामनगर, भावनगर, राजकोट जैसे जिलों में भी अहम प्रशासनिक पदों पर काम किया.

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प्रदीप शर्मा को क्यों सुनाई गई सजा?

मामला साल 2004 में सॉ पाइप्स प्राइवेट लिमिटेड को सरकारी जमीन के आवंटन में अनियमितताओं से जुड़ा है. उस समय प्रदीप शर्मा कच्छ जिले के कलेक्टर थे. प्रदीप शर्मा और तीन और लोगों के खिलाफ 2011 में राजकोट जोन सीआईडी ​​​​क्राइम पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 409 (लोक सेवकों के आपराधिक विश्वासघात), 120 B (आपराधिक साजिश) और 217 (लोक सेवक का जानबूझकर कानून के निर्देश की अवहेलना करना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद प्रदीप शर्मा को 4 मार्च 2011 को गिरफ्तार किया गया था.  

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प्रदीप शर्मा को कितने साल की हुई सजा?

प्रदीप शर्मा ने राज्य सरकार के नियमों का उल्लंघन करके सॉ पाइप्स प्राइवेट लिमिटेड को इंडस्ट्रियल यूनिट स्थापित करने के लिए कई आदेशों के माध्यम से भूमि आवंटित करने में अनियमितताएं कीं जिससे सरकारी खजाने को वित्तीय नुकसान हुआ. भूमि का आवंटन दो हेक्टेयर की सीमा से अधिक था और इससे 6 जून 2003 को गुजरात सरकार के राजस्व विभाग के प्रस्ताव का उल्लंघन हुआ जिसमें कलेक्टर को इंडस्ट्रियल उद्देश्यों के लिए दो हेक्टेयर तक भूमि आवंटित करने का अधिकार दिया गया था. भुज की कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने कहा कि प्रदीप शर्मा की सजा 2004 के भ्रष्टाचार के एक मामले में अहमदाबाद की एक सत्र अदालत द्वारा 20 जनवरी को दी गई पांच साल की सजा काटने के बाद शुरू होगी.

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After graduation in chemistry passed GAS gujarat administrative service got promoted and became IAS know now for which crime Pradeep Sharma is behind bars
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केमेस्ट्री से ग्रेजुएशन के बाद पास किया GAS, प्रमोशन पाकर बने IAS, अब किस जुर्म
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केमेस्ट्री से ग्रेजुएशन के बाद पास किया GAS, प्रमोशन पाकर बने IAS, अब किस जुर्म में सलाखों के पीछे पहुंचे Pradeep Sharma?

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