कहते हैं जहां चाह वहां राह. अगर आपमें कुछ कर गुजरने की क्षमता है तो आपको मंजिल पाने से कोई रोक नहीं सकता. शशांक जोपोज का NEET UG पास करने का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. परिवार में कोई मेडिकल बैकग्राउंड न होने और लगातार आर्थिक तंगी के कारण उन्हें इस सफर में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा. फिर भी अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने 720 में से 673 के बढ़िया स्कोर के साथ सफलता हासिल की. 

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ऑटो चालक के बेटे हैं शशांक

एक ऑटो-रिक्शा चालक के बेटे शशांक अपनी मेडिकल डिग्री के माध्यम से समाज में बदलाव लाना चाहते थे. हालांकि NEET UG 2024 को पास करना उनके लिए आसान काम नहीं था. उन्होंने 2023 में अपने दूसरे प्रयास के दौरान दो असफल प्रयासों, भावनात्मक असफलताओं, स्टडी रिसोर्स की कमी और घटती प्रेरणा का सामना किया. इन सबके बीच यह उनके परिवार का अटूट समर्थन था जिसने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की.

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इस मेडिकल कॉलेज से कर रहे पढ़ाई

20 साल के जोपोज अब महाराष्ट्र के ग्रांट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. बचपन से ही महाराष्ट्र के चंद्रपुर में रहने की वजह से महाराष्ट्र के मेडिकल कॉलेज ही उनकी पहली चॉइस थे. उन्होंने इंटरव्यू में बताया, 'मेरी प्राथमिकता महाराष्ट्र ही थी क्योंकि मैं बिना किसी अतिरिक्त खर्च के यहां पढ़ाई कर सकता था और अपने माता-पिता की मदद भी कर सकता था.' 

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क्या थी नीट के लिए स्ट्रैटजी

नीट की तैयारी के दौरान उन्होंने अपने कोई नोट्स नहीं बनाए थे. उन्होंने ऐसा क्यों किया इसपर शशांक ने बताया- 'मैंने कोचिंग से मिली किताबों पर भरोसा किया. मेरे कुछ बैचमेट्स क्लास में नोट्स बनाते थे और कोचिंग मैटेरियल के साथ मिलाकर पढ़ते थे लेकिन मेरे लिए यह तरीका का नहीं करता था. शुरू में मुझे लगा कि मैं कुछ मिस कर रहा हूं क्योंकि मेरे आस-पास हर कोई नोट्स बना रहा था. मुझे लगा कि यह मेरी तैयारी को प्रभावित कर सकता है. लेकिन मैंने जब अपने टीचर के साथ इसपर बातचीत की तो मुझे लगा कि नोट्स न बनाना पूरी तरह से ठीक है और इससे मेरी पढ़ाई पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा.' 

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भविष्य के मेडिकल उम्मीदवारों को दी सलाह

शशांक को 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत मार्क्स मिले थे. नीट यूजी 2024 की स्ट्रैटजी के बारे में शशांक ने बताया कि उन्होंने बेसिक मैथड का इस्तेमाल करके सवालों को हल करने की कोशिश की. 'मैं सरल फार्मुलों से शुरुआत करता था और उसके बाद जटिल प्रश्नों को हल करता था. मेरे लिए जटिल प्रश्न सरल प्रश्नों का ही विस्तार थे इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं सरल प्रश्नों को आसानी से हल करने में सक्षम हूँ तो अधिक संभावना है कि मैं समयसीमा के अंदर बड़े और कठिन प्रश्नों को हल कर सकूं.' भविष्य के उम्मीदवारों को शशांक ने सलाह दी कि किसी के दबाव में आए बिना ऐसे करियर का चुनाव करें जिसमें असल में आपकी रुचि हो. इससे ही आप अपने काम में संतुष्ट रह पाएंगे. 

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Auto rickshaw driver son Shashank Jopose passed NEET ug 2024 with good scores studied without making notes, now doing MBBS from Maharashtra Grant Medical College
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ऑटो वाले के बेटे ने बढ़िया स्कोर से पास किया NEET, बिना नोट्स बनाए की थी पढ़ाई, अब यहां से कर रहे MBBS

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