फिल्मों में अक्सर दर्शकों को हीरो-हीरोइन की जोड़ी पसंद आती है और शाहरुख और काजोल की जोड़ी पर्दे पर सदाबहार रही है. लेकिन हम एक ऐसे ऑन-स्क्रीन कपल की बात कर रहे हैं जिन्होंने 130 फिल्मों में एक साथ काम किया है.
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जी हां, भारतीय फिल्म उद्योग में कुछ अभिनेता प्रतिभा के जरिए मशहूर हुए हैं और ऐसे लोग सभी भाषाओं में हैं. इन्हीं लोगों में से एक हैं मलयालम स्टार प्रेम नजीर. इस मॉलीवुड हीरो ने 900 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है और 700 से अधिक फिल्मों में नायक के रूप में अपनी छाप छोड़ी है. इसी हीरो ने उनके साथ 130 से अधिक फिल्मों में काम किया है.
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उन्होंने उस समय की नायिका शीला के साथ 130 फिल्मों में अभिनय करके विश्व रिकार्ड बनाया था. इस अनुभवी अभिनेता ने मलयालम सिनेमा को दुनिया भर में पहचान दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की है. हालांकि, दुख की बात यह है कि इस पीढ़ी के कई लोग उनका नाम नहीं जानते हैं.
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रिकार्डों के बादशाह: प्रेम नजीर का असली नाम अब्दुल कादर था. उनका जन्म 6 अप्रैल 1926 को केरल के चिरायनकिज़ू में हुआ था. उन्होंने 1952 में फिल्म 'मरुमाकल' से अभिनेता के रूप में अपना करियर शुरू किया. वह अपनी दूसरी फिल्म 'विसापिन्ते विली' से पॉपुलर हुए. यही वह समय था जब उन्होंने अपना नाम बदलकर प्रेम नजीर रख लिया.
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उन्होंने 720 फिल्मों में नायक के रूप में काम किया और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया. उन्होंने एक ही अभिनेत्री शीला के साथ 130 फिल्मों में अभिनय करके एक और गिनीज रिकॉर्ड भी बनाया. अभिनेत्री फिल्म चंद्रमुखी में अखिलंदेश्वरी की नकारात्मक भूमिका से तेलुगु दर्शकों के करीब आईं. इस महान अभिनेता के करियर की एक और खास बात यह है कि उन्होंने कुल 85 अभिनेत्रियों के साथ अभिनय किया है.
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रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड: प्रेम नजीर अभिनीत 39 फिल्में एक ही वर्ष में रिलीज हुईं. इस रिकॉर्ड को तोड़ना शायद किसी के लिए भी संभव न हो. इसके अलावा उन्होंने 40 से ज्यादा फिल्मों में डबल और ट्रिपल रोल निभाए हैं और बेहद शानदार नजर आए हैं. मुराप्पेन्नु, इरुथिंते अताम्वु, सी.आई. डी नाजिर और विदा पार्युम मुनपे उनके करियर में मील के पत्थर थे. फिल्म 'विदा परयुम मुनपे' ने केरल राज्य फिल्म पुरस्कार (विशेष जूरी) जीता.
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सिल्वर स्क्रीन के 'सदाबहार नायक': प्रेम नजीर को कला के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. दरअसल, इस प्रतिभाशाली नायक का करियर थिएटर क्षेत्र से शुरू हुआ था. लेकिन बहुत ही कम समय में वह सिल्वर स्क्रीन पर आ गए और केरल के लोगों के दिलों में 'सदाबहार नायक' बन गए. इस अभिनेता के भाई प्रेम नवस भी अभिनेता और निर्माता के रूप में सफल हैं. बेटे शानवास और पोते शमीर खान ने भी फिल्म उद्योग में अपनी किस्मत आजमाई. लेकिन उनमें से कोई भी नजीर जैसा स्टारडम हासिल नहीं कर सका.
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तेलुगु में भी फिल्में: मलयालम में स्टार बन चुके प्रेम नजीर ने दो तेलुगु फिल्मों में भी काम किया. उनकी दूसरी फिल्म 'विसप्पिन्ना विलि', जिसने उन्हें मलयालम में प्रसिद्धि दिलाई. इस फिल्म को तेलुगु में 'अकाली' (1952) के रूप में दोबारा तैयार किया गया. नजीर ने इस फिल्म के साथ तेलुगु में अपनी शुरुआत की. 1953 में उन्होंने एक अन्य तेलुगु फिल्म 'थांड्री' में भी अभिनय किया, जो फिल्म 'अच्छन' की रीमेक थी.
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बीमारी के कारण मृत्यु: प्रेम नजीर ने 1980 के दशक के अंत में एक राजनीतिक नेता के लिए प्रचार किया था. उस समय उन्हें अल्सर के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दुर्भाग्यवश, उपचार के दौरान उन्हें खसरा हो गया. जिसके कारण उनकी तबीयत और बिगड़ गई. 16 जनवरी 1989 को 62 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ कट्टुमुरक्कल जुमा मस्जिद में किया गया.