आजकल पढ़ाई से लेकर कामकाज तक, हर काम के लिए स्क्रीन के आगे घंटों बैठे रहना पड़ता है, जिसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. इतना ही नहीं खराब लाइफस्टाइल और स्क्रीन का लंबे समय तक इस्तेमाल से बच्चों में आंखों से जुड़ी बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही है. मायोपिया इनमें से एक है. एक स्टडी के मुताबिक, इन दिनों मायोपिया (Myopia) की बीमारी तेजी से बढ़ रही है, जिसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर देखने को मिल रहा है. इसके कारण बच्चों की आंखों की रोशनी भी (Eyesight) कमजोर हो रही है.

बच्चों में बढ़ती फोन की लत
आजकल लोग भागदौड़ भरी जिंदगी के चलते बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं, न ही ज्यादा देर उनके साथ खेल पाते हैं. लोग बच्चों के साथ खेलने के बजाय स्मार्टफोन में डूबे रहते हैं, इसके अलावा बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उन्हें भी स्मार्टफोन थमा देते हैं. ऐसे में बच्चों को फोन की लत लग जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ज्यादा स्क्रीन टाइम की वजह से बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) की समस्या हो जाती है. यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दूर की वस्तुएं स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती हैं. 


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क्या कहती है स्टडी? 
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक रिव्यू रिपोर्ट के अनुसार पिछले 4 दशकों में 5 से 15 वर्ष के बच्चों में मायोपिया के मामले 7.5% तक बढ़े हैं, इतना ही नहीं पिछले एक दशक में गांवों में भी मायोपिया के मामलों में 4.6% से 6.8% तक इजाफा हुआ है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में ही पब्लिश एक अन्य स्टडी के मुताबिक, दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी साल 2050 तक  मायोपिया से पीड़ित होगी. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है मायोपिया और इससे बचाव कैसे कर सकते हैं. 

क्या है मायोपिया? 
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक आंखों की सामने की लेयर यानी कॉर्निया और लेंस में प्रॉब्लम की वजह से आंखें मायोपिक हो जाती हैं. इस स्थिति में व्यक्ति को दूर की चीजें धुंधली और पास की चीजें स्पष्ट दिखाई देती हैं. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि नजदीक की चीजें ज्यादा देर तक देखने से आंखों के मायोपिक होने का खतरा बढ़ जाता है. 


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क्या हैं मायोपिया के लक्षण?

  • दूर की चीजें धुंधली दिखना
  • आंखें सिकोड़ना
  • बार-बार पलकें झपकना
  • आंखें मलना
  • किताबें या उपकरण पास रखना
  • बार-बार सिर दर्द
  • टीवी के बहुत पास बैठने
  • कक्षा के व्हाइटबोर्ड या स्क्रीन देखने में परेशानी होना
  • आंखों में खिंचाव और सिरदर्द की समस्या
  • टेलीविज़न, मूवी स्क्रीन या क्लास की सबसे पहली सीट पर बैठने की ज़रूरत महसूस करना

क्या करें? 
इससे बचाव के लिए बच्चों को पास से स्क्रीन देखने से मना करें, स्क्रीन टाइम को बाहर के समय के साथ संतुलित करें, बच्चों को हर दिन बाहर ले जाएं, डॉक्टर की सलाह पर, बच्चों को मायोपिया की प्रगति को धीमा करने के लिए चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनाएं, आई ड्रॉप्स भी दिए जा सकते हैं, आंखों का नियमित रूप से चेकअप कराएं, पौष्टिक भोजन दें और बच्चों को बाहर जाने पर यूवी संरक्षित धूप का चश्मा, सनस्क्रीन, और चौड़े किनारे वाली टोपी पहनाएं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)

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Myopia on the rise growing around the world what is myopia blurry vision or eye problem due to smartphone overuse effects
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Study: 2050 तक आंखों से जुड़ी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित होगी दुनिया की आधी आबादी
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Study: 2050 तक आंखों से जुड़ी इस गंभीर बीमारी से पीड़ित होगी दुनिया की आधी आबादी! आखिर क्या है वजह?

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