Psychological Impact of Terrorism- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terrorists Attack) में हुए आतंकी हमले के बाद एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में NIA की टीमें उन चश्मदीदों से पूछताछ कर रही है, जिन्होंने इस भयानक मंजर को अपनी आंखों से देखा था. वहीं देश के तमाम मनोच‍िकित्सक उन पीड़‍ितों (औरतों और बच्चों) के मानस‍िक स्वास्थ्य (Mental Health) को लेकर चिंता जता रहे हैं, जिन्होंने अपनी आंखों से इस भयावह मंजर और अपनों की जान जाते हुए देखा है. इस हमले से कई औरतें और बच्चें प्रभावित हुए हैं. 

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस हमले को अपनी आंखों से देखने वाले पीड़‍ितों की मानस‍िक स्थिति को देखते हुए विशेष काउंस‍िलिंग की जरूरत है. क्योंकि ऐसी स्थिति में लोग PTSD जैसी समस्या की चपेट में आ सकते हैं.... 

क्या है PTSD? 

Post-Traumatic Stress Disorder (PTSD), एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, जो किसी भयानक या तनावपूर्ण घटना के बाद विकसित होती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह घटना किसी के लिए भी हो सकती है. जो व्यक्ति खुद किसी भयानक घटना का शिकार हो या फिर किसी घटना को होते हुए देखे, उसे इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है. 

PTSD की स्थिति में अगर समय पर इलाज न मिले तो यह दीर्घकालिक मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है. यह समस्या किसी व्यक्ति को अत्यधिक तनावपूर्ण या भयावह घटना के बाद हो सकती है. 

लक्षण क्या हैं?  

एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसी स्थिति में बुरे सपने आना, फ्लैशबैक, चिंता, अवसाद, और सामाजिक अलगाव जैसे लक्षण नजर आते हैं, वहीं दूसरी ओर बच्चों में यह स्थिति जटिल हो सकती है. क्योंकि बच्चे अपनी भावनाओं को सही से व्यक्त नहीं कर पाते हैं. बता दें कि विभिन्न थेरेपी और उपचार उपलब्ध हैं, जो इस तरह की घटना के बाद पीड़ितों को सामान्य जीवन में लौटने में मदद कर सकते हैं.   

बच्चों पर इसका असर

कोई बच्चा अगर बचपन में इस तरह का ट्रॉमा झेलता है, तो इसके कारण बच्चों के मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए बच्चे को इस स्थिति में स्पेशल मेंटल हेल्थ केयर की जरूरत होती है. इसके कारण बच्चों में डर, चिंता, नींद में खलल और सामाजिक दूरी जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं.  ऐसे में इस घटना को अपनी आंखों से देखने वाले बच्चों और औरतों के लिए मेंटल हेल्थ केयर बेहद जरूरी है.   

क्या है इलाज? 

PTSD का इलाज के लिए आमतौर पर मनोचिकित्सा और दवाइयों का सहारा लिया जाता है.  CBT जैसी थेरेपी और एंटीडिप्रेसेंट दवाएं इसके लक्षणों को कम करने में मददगार साबित होती हैं. इसके अलावा सबसे ज्यादा जरूरी है कि PTSD से पीड़ित लोग मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें. 

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)

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पहलगाम में आतंकी हमले के चश्मदीद गवाहों पर PTSD का खतरा? जानें क्या है ये समस्या
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पहलगाम में आतंकी हमले के चश्मदीद गवाहों पर PTSD का खतरा? जानें क्या है ये समस्या?

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