पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की कमर तोड़ दी. इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. इस ऑपरेशन के बाद पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति देख ली है. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारतीय सैन्य हथियारों, मिसाइलों, ड्रोन और फाइटर विमान लगातार सुर्खियों में हैं. खासकर इस संघर्ष में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाली भारत की सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस 'ऑपरेशन सिंदूर' की सुपर हीरो बन गई है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद अचानक ब्रह्मोस मिसाइल की अंतराष्ट्रीय स्तर पर डिमांड बढ़ गई है.
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस मिसाइल एक वर्सेटाइल और दुर्जेय हथियार है, जिसे जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे यह कई मोर्चों से हमला करने की क्षमता रखती है. ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम वर्तमान में भारत की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है. इसका पहला परीक्षण 12 जून, 2001 को किया गया था, और इसके बाद इसकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अपग्रेड किया गया. सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस मैक 3 तक की स्पीड से चल सकती है और इसकी स्टैंडर्ड रेंज 290 Km है, जो इसके एडवांस वर्जन में 500 Km या 800 Km तक बढ़ जाती है.
ये मिसाइल 300 किलोग्राम विस्फोटक अपने साथ ले जाने में सक्षम है. साथ ही ये 15 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ सकती है. यह जमीन से 10 मीटर ऊपर तक के टारगेट पर हमला कर सकती है, जिससे यह सटीक हमलों के लिए बेहद कारगर है. आपको बता दें कि एक ब्रह्मोस मिसाइल की कीमत लगभग 34 करोड़ रुपये है.
17 देश खरीदना चाहते हैं ब्रह्मोस मिसाइल
ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस मिसाइल को खरीदने वाले देशों की लाइ लग गई है. 17 देशों ने इस मिसाइल को खरीदने में अपनी रुचि दिखाई है. इंडोनेशिया ने इसके एडवांस्ड वर्जन को खरीदने में रुचि दिखाई है. इसके साथ ही सिंगापुर, ब्राजील, चिली, अर्जेटीना, थाईलैंड, वेनेजुएला, मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, दक्षिण अफ्रीका और बुल्गारिया समेत अन्य कई देशों की इस मिसाइल को खरीदने में रुचि ले रहे हैं. इनमें से कई देशों के साथ भारत की डील लगभग पक्की हो चुकी है.
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पाकिस्तान की खटिया खड़ी करने वाली BrahMos मिसाइल की बढ़ी डिमांड, खरीदने के लिए 17 देशों की लगी कतार, जानिए कीमत