केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि मणिपुर हिंसा में कथित पूर्व सीएम एन बीरेन सिंह की संलिप्तता संबंधी लीक ऑडियो क्लिप की FSL रिपोर्ट आ गई है, जल्द ही वह इसे शीलबंद लिफाफे में समिट कर देगी. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 5 मई को सुनवाई करेगा.
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पेश वकील की दलीलों का संज्ञान लिया और ‘कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट’ (KOHUR) की याचिका की सुनवाई 5 मई तक के लिए टाल दी. बीरेन सिंह के ऑडियो क्लिप की सीएफएसएल रिपोर्ट सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दाखिल करेंगे. केंद्र की ओर से गुरुवार को कोर्ट में पेश हुए वकील ने दलील दी कि अभी तुषार मेहता उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए हमें आगे की कोई तारीख दे दी जाए.
मणिपुर पिछले 2 साल से जातीय संघर्ष से जूझ रहा है. राज्य में बिगड़े हालत के बीच एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद एक ऑडियो वायरल हुआ था. जिसमें बीरेन सिंह की आवाज में एक व्यक्ति हिंसा भड़काने के लिए लोगों को उकसाता सुनाई दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र से लीक ऑडियो की प्रामाणिकता पर FSL रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में मांगी थी. जिसमें मई 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा में सिंह की संलिप्तता का आरोप लगा था.
SIT जांच की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया
केओएचयूआर की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सिंह की कथित भूमिका की अदालत की निगरानी में SIT जांच की मांग की थी. सीजेआई ने कहा था कि राज्य धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है और हम इस मामले को फिलहाल स्थगित रखेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि वह बाद में देखेंगे कि मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत करेगी या उच्च न्यायालय.
वकील प्रशांत भूषण ने ऑडियो लीक की विषय-वस्तु को ‘बहुत गंभीर मामला’ करार देते हुए कहा था कि बीरेन सिंह को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि मेइती समूहों को राज्य सरकार के हथियार और गोला-बारूद लूटने की अनुमति दी गई थी. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता का विचारधारागत झुकाव है और 3 हाईखोर्ट के न्यायाधीशों की एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे प्रयास किए गए कि हालात खराब ही रहें.
93% बीरेन सिंह की आवाज मैच
इसपर प्रशांत भूषण ने कहा, ‘एक सत्यता परीक्षण प्रयोगशाला ने पुष्टि की है कि 93 प्रतिशत यह मुख्यमंत्री बीरेन की आवाज है और सत्यता परीक्षण प्रयोगशालाएं एफएसएल रिपोर्ट की तुलना में कहीं अधिक विश्वसनीय हैं.’ हालांकि, विधि अधिकारी ने सत्यता परीक्षण प्रयोगशाला की रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए.
(With PTI inputs)
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N Biren Singh (file photo)
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