बढ़ते भ्रूण हत्या के मामलों को लेकर हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने और पी.सी. एंड पी.एन.डी.टी. कानून को सख्ती से लागू करने टास्ट फोर्स का गठन किया हैं. इसका गठन राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने किया है. ये टास्क फोर्स हर मंगलवार को बैठक कर क्षेत्रीय दौरे और कार्रवाई की समीक्षा करेगी. टास्क फोर्स में NHM, DGHS, महिला एवं बाल विकास, आयुष, औषधि नियंत्रक और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. मिशन निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव को एसटीएफ का संयोजक नियुक्त किया गया है.
तेजी से गिर रहा था अनुपात
दरअसल इंडिया टुडे की रिपोर्ट की बाद यह कार्रवाई की गई हैं. हरियाणा में भ्रूण हत्या का धंधा तेजी से बढ़ रहा था. हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात, जो 2019 में प्रति 1,000 लड़कों पर 923 लड़कियां था, 2024 में गिरकर 910 हो गया. गौर करने वाली बात तो ये है कि यह अनुपात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में हरियाणा के पानीपत में शुरू की गई 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के बावजूद है. इस पूरे मामले की जांच-पड़ताल के लिए इंडिया टुडे की टीम ने दो हफ्ते तक ठीक से पूरे इलाके की जांच की. जिसके पता चला की राज्य में बेटों के प्रति चाहत किस तरह से कन्या भ्रूण की हत्या की करा रही हैं.
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हिसार जिले का नोडल अधिकारी निलंबित
इंडिया टुडे से खास बातचीत में डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि 23 गर्भपात केंद्रों को नोटिस जारी किए गए हैं और एमटीपी किट के 17 ऑनलाइन विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि प्री-कॉन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक (पीसीपीएनडीटी) एक्ट के तहत सख्ती बरतने के लिए ऐसे केंद्रों पर 23 छापे मारे गए हैं. कई लोगों को निलंबित भी किया गया है. हिसार जिले के पीएनडीटी नोडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
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STATE TASK FORCE FORCE IN HARYANA
भ्रूण हत्या रोकने के लिए हरियाणा सरकार का बड़ा एक्शन, टास्क फोर्स का गठन कर 300 गर्भपात केंद्रों के लाइसेंस किए रद्द