जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को सीसीएस की बैठक हुई. इस बैठक में पाकिस्तान को जवाब देने के लिए कड़े फैसले लिए गए. भारत सरकार ने पाकिस्तानियों के वीजा को रद्द करने, बॉर्डर बंद करने, पाकिस्तानी राजनायिकों को देश छोड़ने और सिंधु जल समझौते पर रोक लगाने का फैसला किया है.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, 'नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है. इन सभी को एक सप्ताह के अंदर भारत छोड़ना होगा. SAARC वीजा के तहत पाकिस्तानियों की भारत की यात्रा को भी बंद कर गया है. साथ ही इस वीजा के तहत भारत में रह पाकिस्तानों को 48 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है.'
भारत इस्लामाबाद से भारतीय उच्चायोग में मौजूद अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुला रहा है. 1 मई 2025 तक नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग से कर्मचारियों की संख्या भी 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा एक्शन हो रहा है. इससे पहले कारगिल युद्ध, पार्लियामेंट अटैक, मुंबई अटैक और पुलवामा हमले के दौरान भी भारत ने पाकिस्तान को इसी तरह बेइज्जत किया था.
साल 2002 में संसद पर हुआ हमले के बाद 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने चार दिन तक खूनी तांडव मचाया था. इस हमले में 106 लोग मारे गए थे. जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक थे. यह अमेरिका के 9/11 के बाद सबसे घातक और निर्लज्ज आतंकी हमला था. इसके बाद 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के नेशनल हाइवे पर सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था. जिसमें 40 जवानों की जान चली गई थी.
इन हमलों के बाद भारत ने नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तान के दूतावास को बंद कर दिया था. साथ ही उसके साथ सभी संबंधों को खत्म कर दिया था. इतना ही नहीं बीसीसीआई ने भी पाक टीम के साथ मैच खेलने से इनकार कर दिया था. पाक की हालत ऐसी हो गई थी कि उसे दुनिया के सामने यह कहने को मजबूर हो पड़ा कि वह भी आतंकवाद को खत्म करना चाहता है. इसके लिए उसने कुछ आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने का झूठा नाटक भी किया था.
पाकिस्तान ने इस बार कश्मीर की खूबसूरत वादियों का सौहार्द बिगाड़ने के लिए पहलगाम में आतंकी हमला कराया है. इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 17 से ज्यादा घायल हो गए. हमला करने वाले चार आतंकी थे. जिनमें 2 आतंकी पाकिस्तान से आए थे, जबकि दो कश्मीर से ही थे.
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pm modi and shehbaz sharif
पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने कब-कब लिया सख्त एक्शन, बॉर्डर से लेकर दूतावास तक किए गए थे बंद!