Calcutta HC verdict: कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान अजीबो गरीब टिप्पणी की. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि नशे की हालत में नाबालिग का स्तन छूने की कोशिश करना प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट के तहत दुष्कर्म की कोशिश नहीं है. कोर्ट ने इसे गंभीर यौन उत्पीड़न की कोशिश माना. न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति बिस्वरूप चौधरी की खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट की ओर से पॉक्सो के तहत एक आरोपी को दोषी ठहराने और सजा सुनाए जाने के आदेश को निलंबित करते हुए यह टिप्पणी की. 

बता दें, ट्रायल कोर्ट ने 12 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. आरोपी को जमानत दे दी गई. बता दें, कलकत्ता हाईकोर्ट का यह फैसला तब आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की ऐसी टिप्पणी को असंवेदनशील बताया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी. 

इलाहाबाद कोर्ट ने क्या कहा था?

19 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा ने कहा था, 'नाबालिग के ब्रेस्ट पकड़ना, पायजामे का नाड़ा तोड़ना या घसीटकर पुलिया के नीचे ले जाने की कोशिश रेप नहीं है.' 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ' यह बहुत गंभीर मामला है. हमें यह कहते हुए बहुत दुख है कि फैसला लिखने वाले जज में संवेदनशीलता की पूरी तरह कमी थी. इस पर रोक लगाते हैं.'

कलकत्ता कोर्ट ने क्या कहा?

सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अरिजीत बनर्जी और जस्टिस बिस्वरूप चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि पीड़िता की मेडिकल जांच से यह स्पष्ट नहीं होता कि आरोपी ने दुष्कर्म किया या दुष्कर्म का प्रयास किया. पीड़िता ने बताया कि आरोपी शराब के नशे में उसकी छाती छूने की कोशिश की. पीठ ने कहा कि पीड़िता का बयान और साक्ष्य पॉक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 10 के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप को सही ठहरा सकता है, लेकिन प्रथम दृष्टया दुष्कर्म के प्रयास के अपराध को साबित नहीं करता. 


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खंडपीठ ने आदेश दिया कि दोषसिद्धि और सजा के आदेश का प्रभाव अपील के निपटारे या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, निलंबित रहेगा. साथ ही, जुर्माना अदा करने पर भी रोक लगा दी गई है. हालांकि, खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी ये टिप्पणियां अपील की अंतिम सुनवाई को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करेंगी. बता दें, इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने पोक्सो के तहत दर्ज हुए एक मामले में आरोपी को गंभीर यौन उत्पीड़न और बलात्कार का प्रयास दोनों का दोषी मानते हुए उसे 12 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी.

 

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Touching a woman breast is not an attempt to rape Now Calcutta High Court has given its verdict the accused got bail
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'महिलाओं के ब्रेस्ट छूना, रेप की कोशिश नहीं'
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'महिलाओं के ब्रेस्ट छूना, रेप की कोशिश नहीं' अब कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, आरोपी को जमानत

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