वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 (Waqf Amendment Act) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे. कोर्ट ने पूछा कि केंद्रीय वक्फ परिषद में जिस तरह गैर-मुसलमानों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है, क्या सरकार मुसलमानों को भी हिंदू बोर्ड में हिस्सा बनने की अनुमति देगी? सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वक्फ बोर्ड में एक्स ऑफिशियो मेंबर के अलावा मु्स्लिम सदस्य ही होने चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आस्था की परवाह किए बिना पदेन सदस्यों के तौर पर लोगों को नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन अन्य सदस्यों में मुसलमान होना जरूरी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 'वक्फ बाय यूजर’ सहित घोषित वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा. सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया और सुनवाई की मांग की.

कल सुप्रीम कोर्ट में फिर होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल आदेश जारी नहीं किया है. कोर्ट का कहना है कि अभी किसी का कार्यकाल खत्म नहीं हो रहा है. वह गुरुवार दोपहर 2 बजे से फिर वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. कोर्ट ने साथ ही हिंसाओं पर भी चिंता जताते हुए कहा कि यह परेशान करने वाली बात है, क्योंकि अदालत वक्फ अधिनियम के मामले पर सुनवाई कर रही है.

दरअसल, याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तर्क देते हुए कहा कि पहले इस बोर्ड के मेंबर मुस्लिम ही हो सकते थे, लेकिन अब इसमें हिंदूओं को भी शामिल करने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि पहले वक्फ के लिए किसी भी धर्म का व्यक्ति जमीन दान कर सकता था. लेकिन अब वही व्यक्ति जमीन दे सकता है कि जो 5 साल से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो. सिब्बल ने सवाल उठाया कि सरकार कैसे फैसला कर सकती है कि कोई मुस्लिम है या नहीं.

कोर्ट के फैसले तक वक्फ कानून के लागू होने पर लगे रोक
वहीं, अधिवक्ता सिंघवी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि देशभर में करीब 8 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से 4 लाख से अधिक संपत्तियां 'वक्फ बाई यूजर' के तौर पर दर्ज हैं. उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है.  सिंघवी ने यह भी कहा कि उन्हें यह तक सुनने में आया है कि संसद भवन की जमीन भी वक्फ की है. उन्होंने कोर्ट से पूछा कि क्या अयोध्या केस में जो फैसले दिए गए, वे इस मामले में लागू नहीं होते? 

उन्होंने संशोधित वक्फ अधिनियम पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की. सिंघवी ने कहा कि जब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक नया वक्फ कानून लागू नहीं होना चाहिए.

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waqf amendment act supreme court hearing Kapil Sibal argument how will government decide person is Muslim or not
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'सरकार कैसे फैसला करेगी वो मुस्लिम है या नहीं', वक्फ पर कपिल सिब्बल की दलील
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Waqf Amendment Act: 'वक्फ की तरह क्या हिंदू बोर्ड में मुसलमान शामिल होंगे?', सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा सवाल

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