Indian Railways Amazing Facts: दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क भारत में मौजूद हैं, जहां रोजाना हजारों ट्रेन देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाती हैं. भारत में रोजाना करीब ढाई करोड़ लोग रेल का सफर करते हैं. इसके लिए देश में करीब 8,000 रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं. इन रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए आपके पास किसी न किसी ट्रेन का जर्नी टिकट होना आवश्यक है. यदि आपके पास जर्नी टिकट नहीं है तो आपको प्लेटफॉर्म टिकट खरीदना पड़ता है. लेकिन एक भारतीय रेलवे स्टेशन ऐसा भी है, जहां आपको एंट्री करने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट या जर्नी टिकट नहीं बल्कि पासपोर्ट और वीजा दिखाना पड़ता है. इसके बाद ही आपको प्लेटफॉर्म पर आने दिया जाता है और फिर ट्रेन में सवार होने देते हैं. यदि आप इस स्टेशन का नाम नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं.
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पंजाब के अटारी श्याम सिंह रेलवे स्टेशन में प्लेटफॉर्म पर एंट्री करने के लिए आपको पासपोर्ट-वीजा दिखाना पड़ता है. यह स्टेशन अमृतसर के पास पाकिस्तान सीमा पर मौजूद है. आपने वाघा बॉर्डर का नाम सुना होगा, जहां शाम को भारत और पाकिस्तान की फ्लैग ऑफ सेरेमनी देखने लोग जाते हैं. वहीं पर यह स्टेशन मौजूद है. दरअसल भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भारतीय हिस्से को अटारी और पाकिस्तानी सीमा के अंदर के हिस्से को वाघा कहते हैं. अटारी बॉर्डर पर सड़क मार्ग की तरह ही भारत-पाकिस्तान को जोड़ने वाले रेलवे ट्रैक भी है, जिस पर उत्तर रेलवे के फिरोजपुर रेलवे डिविजन के अंडर में आने वाला अटारी श्याम सिंह रेलवे स्टेशन मौजूद है. यह भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन है.
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अटारी रेलवे स्टेशन से पाकिस्तान के लिए ट्रेन जाती है. इस ट्रेन में सवार होने के लिए केवल यात्रियों को ही प्लेटफॉर्म पर जाने की इजाजत मिलती है. विदेश यात्रा वाला रेलवे स्टेशन होने के कारण यहां पासपोर्ट और वीजा ट्रेन बोर्ड करने से पहले ठीक उसी तरह चेक होता है, जिस तरह एयरपोर्ट पर हवाई यात्रा से पहले जांचा जाता है. इस जांच का संबंध सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है. यहां बिना पासपोर्ट के इस कारण एंट्री नहीं दी जाती है ताकि कोई व्यक्ति बिना वीजा के पाकिस्तान ना चला जाए और पड़ोसी देश को भारत पर अनर्गल आरोप लगाने का मौका नहीं मिल जाए.
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अटारी रेलवे स्टेशन से केवल एक ट्रैक पाकिस्तान के लाहौर के लिए जाता है, जिस पर भारतीय सीमा पर गेट लगा हुआ है. इस रेलवे लाइन पर इकलौती ट्रेन समझौता एक्सप्रेस ही दौड़ती है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी ट्रेन यात्रा समझौते के तहत संचालित की जा रही है. इस ट्रेन का संचालन भारतीय सीमा में भारत संभालता है, जबकि पाकिस्तानी सीमा में घुसते ही इसका संचालन पाकिस्तान रेलवे के हाथ में आ जाता है. अटारी रेलवे स्टेशन से दिल्ली-अटारी एक्सप्रेस, अमृतसर-अटारी डीईएमयू, जबलपुर-अटारी स्पेशल ट्रेनें भी चलती हैं, लेकिन इनके लिए अलग प्लेटफॉर्म और अलग रेल लाइन बनी हुई है.
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अटारी रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तान जाने के लिए आपको समझौता एक्सप्रेस का टिकट खरीदना पड़ता है. यह टिकट खरीदने के लिए आपको पहले काउंटर पर अपना पासपोर्ट दिखाना पड़ता है और वीजा भी चेक कराना पड़ता है. पासपोर्ट नंबर नोट करने के बाद ही पाकिस्तान का टिकट दिया जाता है.
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अटारी रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा कारणों से कभी भी किसी का पासपोर्ट चेक किया जा सकता है. यदि आप बिना पासपोर्ट के घूमते हुए मिलते हैं या स्टेशन के अंदर जबरन घुसने की कोशिश करते हैं तो आपके खिलाफ फॉरेन एक्ट की धारा -14 के तहत मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाती है, जिसके तहत आपको जेल भी जाना पड़ सकता है. पाकिस्तान से समझौता एक्सप्रेस के अटारी रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद वहां से आने वाले सभी यात्रियों को भी स्टेशन से बाहर आने से पहले अपना पासपोर्ट-वीजा आदि चेक कराना पड़ता है.
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भारत में कुछ अन्य रेलवे स्टेशन भी ऐसे हैं, जहां से ट्रेन पकड़ने के बाद आप विदेश जा सकते हैं. इनमें अटारी रेलवे स्टेशन के अलावा बांग्लादेश जाने वाली ट्रेनों के लिए पश्चिम बंगाल में राधिकापुर रेलवे स्टेशन, सिंघाबाद रेलवे स्टेशन, हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन और पेट्रापॉल रेलवे स्टेशन, नेपाल जाने के लिए बिहार के मधुबनी में जयनगर रेलवे स्टेशन और जोगबनी रेलवे स्टेशन शामिल हैं.
Short Title
भारत का रेलवे स्टेशन, जहां प्लेटफॉर्म टिकट नहीं पासपोर्ट दिखाकर होती है एंट्री
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