Bhopal Gas Leak: भोपाल का गैस लीक कांड ऐसी घटना है, जिसे करीब 4 दशक बाद भी नहीं भुलाया जा सका है. मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात कुछ घंटे के लिए वैसे ही हालात भोपाल के करीब एक इलाके में बने रहे, जिससे हर तरफ हड़कंप मचा रहा. दरअसल भोपाल शहर से महज 35 किलोमीटर दूर रायसेन के मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया में मौजूद GAIL प्लांट से जहरीली मीथेन गैस का रिसाव हो गया था, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मची रही. जिला प्रशासन ने तत्काल प्लांट के करीब 1 किलोमीटर एरिया को सील कर दिया और पूरे इलाके को खाली करा दिया. इससे किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई. फायर सेफ्टी टीम को प्लांट में जहरीली गैस के रिसाव को रोकने में करीब 10 घंटे का समय लग गया. हालांकि इसके बाद भी हालात सामान्य होने में कई घंटे का समय लग गया है. जयपुर से गेल की सेफ्टी टीम को बुलाया गया है, जो प्लांट में हुई गैस लीक की जांच करेगी और उसका सेफ्टी ऑडिट भी करेगी.
पूरी रात बंद रखा गया सड़क पर ट्रैफिक
गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) के प्लांट में मीथेन गैस के रिसाव की घटना मंगलवार-बुधवार की रात करीब 12 हुई थी. सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड टीम ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी. नगर पालिका मंडीदीप की फायर ब्रिगेड टीम को भी बुला लिया गया. आसपास की फैक्ट्रियों को खाली करा दिया गया. करीब 200 मीटर एरिया में सभी फैक्ट्रियां पूरी तरह बंद कर दी गईं और प्लांट के चारों तरफ 1 किलोमीटर का एरिया खाली कराना शुरू कर दिया गया. NDRF और SDER की टीमों को भी मदद के लिए बुला लिया गया और सड़क पर ट्रैफिक को बंद कर दिया गया. सतलापुर और मंडीदीप पुलिस को लोगों को संभालने की जिम्मेदारी दी गई.
सुबह करीब 10 बजे जाकर बंद हुआ गैस लीक
गैस प्लांट में मीथेन का लीकेज बुधवार सुबह 10 बजे जाकर बंद हुआ. गेल के प्रोजेक्ट मैनेजर डी. डोंगरे ने मीडिया से बताया है कि अब हालात पूरी तरह कंट्रोल में हैं. फिलहाल प्लांट में गैस प्रॉडक्शन रोक दिया गया है और लीकेज की जांच की जा रही है ताकि आगे ऐसा ना हो सके. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी प्लांट में जाकर गैस लीक वाली जगह का जायजा लिया है. कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने भविष्य में ऐसी घटना होने से रोकने के लिए सेफ्टी एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही प्लांट का सेफ्टी ऑडिट कराने को भी कहा गया है.
क्या काम करता है यह गेल प्लांट
गेल के जिस प्लांट में यह हादसा हुआ है, उससे पूरे इलाके में घरों और इंडस्ट्रीज को PNG सप्लाई की जाती है. इस प्लांट में LNG (लिक्विड नेचुरल गैस) को पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) में कन्वर्ट किया जाता है. इसके बाद पाइपलाइन के जरिये उसकी सप्लाई होती है. इस प्लांट में दो साल पहले भी गैस लीक का हादसा हुआ था. तब इतने बड़े पैमाने पर गैस लीक हुई थी कि कुछ ही मिनटों में करीब 500 मीटर दूर सतलापुर में सभी को आंखों में जलन, जी मिचलाने जैसी समस्याएं शुरू हो गई थी.
क्यों खतरनाक होता है मीथेन गैस का लीकेज
मीथेन गैस से ही लिक्विड नेचुरल गैस बनाई जाती है. मीथेन बेहद ज्वलनशील गैस होती है, लेकिन यह जहरीली होती है. रंगहीन और गंधहीन होने के चलते लीकेज के कारण यह बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. इससे बड़े पैमाने पर आग लगने की भी घटना हो सकती है. मीडिया से बातचीत में मंडीदीप इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने इसे बेहद गंभीर लेवल-3 गैस लीक की घटना बताया है. लेकिन उनका यह कहना है कि समय रहते मरम्मत हो जाने से कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है और बड़ा हादसा टल गया है.
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