Gurugram News: पर्यावरण की समस्या हर तरफ एक अहम मुद्दा बन चुकी है. खासतौर पर दिल्ली-NCR में यह एक बड़ी समस्या बन गई है. इस समस्या से दिल्ली से सटा गुरुग्राम भी जूझ रहा है, जो हालिया सालों में लोगों के बसने और कंपनियों के बिजनेस करने के लिए पहली पसंद बन गया है. इसके चलते गुरुग्राम में तेजी से पेड़ों का कटान हुआ है और अब शहर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है. अब इस समस्या से निपटने के लिए गुरुग्राम के खिलाड़ी आगे आए हैं और एक अलग पहल शुरू की है. गुरुग्राम के एथलेटिक्स समुदाय के द गुड सोल क्लब ने आयरनवुमन ट्रायथलीट रानी महेश्वरी के नेतृत्व में मिलियन मियावाकी फाउंडेशन से हाथ मिलाया है ताकि शहर में तेजी से एक छोटा जंगल खड़ा किया जा सके. एथलीट्स, साइकिलिस्ट्स और ट्रायथलीट्स का क्लब मियावाकी तकनीक से सेक्टर-56 के सूरज स्कूल के एक हिस्से में यह जंगल तैयार करेगा ताकि जल्द से जल्द शहर के ग्रीन एरिया में थोड़ी बढ़ोतरी हो सके और ऑक्सीजन स्तर में बढ़ोतरी हो सके.
दो साल में 600 पेड़ों का जंगल तैयार कर देती है जापानी तकनीक
ग्रीन एरिया बढ़ाने की मियावाकी तकनीक जापान की देन है, जिसमें 2000 वर्ग फुट एरिया में महज दो साल में 600 देशी पेड़ों का जंगल तैयार हो जाता है, जिसमें 20-25 अलग-अलग प्रजातियों के पेड़ पाए जाते हैं. इस मिशन के तहत स्कूली बच्चों को भी पर्यावरण से जोड़ा जाता है. स्कूली बच्चे इसमें सक्रिय भागीदारी से पर्यावरण को बचाने के लिए काम करते हैं. साथ ही वे एक मिनी जंगल से 2,400 से ज्यादा लोगों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन पैदा होने, धूल कम होने और स्थानीय तापमान में भी कमी आने की बात सीखते हैं. साथ ही इसकी बदौलत शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ हवा मिल सकती है.
दिल्ली-NCR में अब तक तैयार कर चुके हैं 34 जंगल
मियावाकी प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली-NCR में अब तक 34 अर्बन फॉरेस्ट तैयार किए जा चुके हैं. ये प्रोजेक्ट राइज फाउंडेशन के सहयोग से एमएमएफ ने संचालित किए हैं. इसी से रानी महेश्वरी को स्वच्छ हवा के लिए लोगों को एकजुट करने के एमएमफ के मिशन से जोड़ने की प्रेरणा मिली.
कैसे काम करता है यह प्रोजेक्ट
एमएमएफ कई अलग-अलग समुदायों को इससे जोड़ता है जिसमें टीजीएससी, स्कूलों, कॉलेजों, निगमों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) जैसे अलग-अलग समुदाय हिस्सा लेते हैं ताकि सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से शहरी पुनर्जनन को आगे बढ़ाया जा सके और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक बदलाव लाया जा सके.
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Gurugram का पर्यावरण बचाने उतरे एथलीट्स, ऑक्सीजन बचाने के लिए मियावाकी तकनीक से बनाएंगे शहर में जंगल