India Bangladesh Relations: भारत सरकार ने बांग्लादेश की ट्रांस-शिपमेंट सुविधा को खत्म कर दिया है. इस सुविधा के जरिये बांग्लादेशी व्यापारी भारत के कस्टम स्टेशनों के जरिये दूसरे देशों को अपना सामान भेजते हैं. इस रोक के लगने का मतलब है कि बांग्लादेश के व्यापारी अब भारत के रास्ते तीसरे देश को अपना माल एक्सपोर्ट नहीं कर पाएंगे. इसे हालिया दिनों में बांग्लादेशी सरकार की तरफ से दिखाए गए भारत विरोधी रुख का साइलेंट जवाब माना जा रहा है. खासतौर पर इसे बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के उस बयान पर भारतीय पलटवार माना जा रहा है, जिसमें यूनुस ने चीन दौरे से लौटकर पूर्वोत्तर भारत के लिए विवादित बातें कही थी और बांग्लादेश को बंगाल की खाड़ी का 'मालिक' बताया था.
क्या कदम उठाया है भारत सरकार ने
केंद्र सरकार के एक सर्कुलर के मुताबिक, सरकार ने उस ट्रांस-शिपमेंट सुविधा को खत्म कर दिया है, जिसके जरिये बांग्लादेश को भारत के लैंड कस्टम्स स्टेशनों का उपयोग करके उसके बंदरगाहों और एयरपोर्ट से अपने कार्गो कंटेनर तीसरे देश को भेजने की छूट हासिल थी. यह सर्कुलर सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (Central Board of Indirect Taxes and Customs) की तरफ से मंगलवार (8 अप्रैल) को जारी किया गया है. यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब अमेरिका ने भारत, बांग्लादेश समेत बहुत सारे देशों से आने वाले सामानों पर भारी टैरिफ लागू कर दिया है. भारत-बांग्लादेश के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 12.9 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था.
5 साल पहले शुरू हुई थी यह सुविधा
भारत के व्यापारी, खासतौर पर वस्त्र उद्योग की तरफ से लंबे समय से पड़ोसी देश की यह सुविधा बंद करने की मांग की जा रही थी. बांग्लादेश को भारत ने यह सुविधा 29 जून, 2020 को तत्कालीन बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना की मांग पर दी थी. इसके जरिये बांग्लादेशी व्यापारियों को भूटान, नेपाल, म्यांमार आदि देशों के साथ व्यापार करने में आसानी होती है.
भारतीय उद्योगों को मिलेगा इससे भारी लाभ
ट्रेड एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश की ट्रांस-शिपमेंट सुविधा खत्म होने से भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर को भारी लाभ मिलेगा. खासतौर पर वस्त्र उद्योग, फुटवियर और हीरा व ज्वैलरी उद्योग को इससे भारी लाभ होने की संभावना है. टेक्सटाइल सेक्टर में बांग्लादेश भारतीय निर्माताओं का सबसे बड़े कॉम्पिटीटर रहा है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा,'अब हमारे पास अपने कार्गो के लिए ज्यादा एयर कैपेसिटी होगी. इससे पहले एक्सपोर्टर्स बांग्लादेश को ट्रांसशिपमेंट सुविधा मिलने के कारण अपने लिए कम जगह बचने की शिकायत करते थे.'
दिल्ली से ही रोजाना 30 ट्रक बांग्लादेशी माल एक्सपोर्ट होता है
अपैरल एक्सपोर्टर्स के संगठन AEPC ने सरकार से इस सुविधा को खत्म करने की मांग की थी, जिससे बांग्लादेश के एक्सपोर्ट कार्गो को तीसरे देशों को भेजने के लिए दिल्ली एयर कार्गो कॉम्पलेक्स का उपयोग करने की इजाजत मिली हुई थी. AEPC चेयरमैन सुधीर शेखरी के मुताबिक, दिल्ली में रोजाना बांग्लादेश से 20 से 30 ट्रक माल एक्सपोर्ट के लिए आता है, जो कार्गो मूवमेंट को धीमा कर देता था और एयरलाइंस इसका गलत लाभ उठाती थीं. इससे भारतीय व्यापारियों को अपने माल पर बेकार में मोटा एयर फ्रेट रेट चुकाना पड़ता था. साथ ही एक्सपोर्ट कार्गो की हैंडलिंग और प्रोसेसिंग में देरी होने के साथ ही दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) बेकार में जाम से जूझना पड़ता था. इससे दिल्ली एयर कार्गो कॉम्पलेक्स के जरिये भेजा जाने वाला भारतीय अपैरल विदेश में कॉम्पिटीशन से बाहर हो जाता था. अब ऐसा नहीं होगा.'
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