Uttarakhand News: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की सरकार ने राज्य सरकार के सभी विभागों में कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी है. यह रोक तत्काल प्रभाव से कई तरह की भर्तियों पर लगाई गई है. इसके लिए राज्य के मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन की तरफ से सभी विभागों को एक आदेश भेजकर जानकारी दी गई है, जिसमें कहा गया है कि सरकारी कार्य प्रणाली को सुधारने और सुशासन बनाने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सेवा नियमावली के प्रावधानों के अनुसार ही रिक्त पदों पर कर्मचारियों की नियुक्तियां की जाएंगी. इसके अलावा किसी भी तरह की भर्ती करने पर संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा.

किस तरह की भर्तियों पर रहेगी रोक
मुख्य सचिव की तरफ से यह आदेश शुक्रवार को जारी हुआ है, जो सभी प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को भेजा गया है. इस आदेश में बताया गया है कि किस तरह की भर्ती पर रोक लगी है. मुख्य सचिव के मुताबिक, सरकारी महकमों में संविदा, दैनिक वेतन भोगी, फिक्स्ड सैलरी, अंशकालिक और एडहॉक कर्मचारियों के साथ ही आउटसोर्स वर्कर्स को रखने पर रोक लगा दी गई है. ऐसे सभी रिक्त पद अब नियमित रूप से एजेंसियों के जरिये ही भरे जाएंगे. यदि किसी नियमित पद के सापेक्ष ऐसी कोई भी भर्ती की जाती है तो संबंधित विभागाध्यक्ष के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा और सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

इस कैटेगरी में कर सकते हैं अस्थायी भर्ती
मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद चतुर्थ श्रेणी के पदों पर अस्थायी भर्ती की जा सकती है. दरअसल छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के तहत चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउटसोर्स पर अस्थायी भर्ती करने की छूट दी गई है, क्योंकि इसे डाइंग कैडर माना गया है. इस अस्थायी भर्ती के तहत तैनात होने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं  दिया जाता है. इस श्रेणी में ज्यादातर मृतक आश्रित कोटे के कर्मचारी भर्ती किए जाते हैं. मुख्य सचिव के आदेश में बताया गया है कि राज्य सरकार ने 27 अप्रैल, 2018 और 29 अक्तूबर, 2021 के दो शासनादेश निरस्त कर दिए हैं. इन दोनों शासनादेश में अस्थायी भर्ती करने का प्रावधान किया गया था. मुख्य सचिव ने समय-समय पर रिक्त पदों का आकलन करके नियमित भर्ती करने के निर्देश दिए हैं. 

इस आदेश के बाद हो सकती है उत्तराखंड में करीब 67 हजार पदों पर स्थायी भर्ती
उत्तराखंड वित्त विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में करीब 66,841 पद खाली चल रहे हैं. ये पद विभिन्न सरकारी और अर्द्ध सरकारी विभागों में हैं. इनमें राजपत्रित समूह ‘क’ के 3,497, समूह ‘ख’ के 4,709 और समूह ‘ग’ के 42,478 व समूह ‘घ’ के 16,163 पद खाली हैं. अस्थायी भर्ती पर रोक लगने के बाद अब इन पदों पर स्थायी सरकारी नौकरी की राह उत्तराखंड के युवाओं केलिए खुल सकती है. 

आउटसोर्स कर्मचारियों की मुकदमेबाजी से अटकी हुई हैं कई भर्तियां
उत्तराखंड के तमाम विभागों में कई बार स्थायी भर्तियां हुई हैं, लेकिन उनमें भर्ती होने वाले कैंडिडेट्स को जॉइनिंग नहीं मिल पाई है. दरअसल इसके पीछे इन विभागों में आउटसोर्स और संविदा पर रखे गए अस्थायी कर्मचारी ही कारण हैं. इन अस्थायी कर्मचारियों ने खुद को नौकरी से हटाने के खिलाफ उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) से स्टे ऑर्डर ले रखे हैं. इस तरह की मुकदमेबाजी के कारण कई विभागों में भर्तियां बीच में ही अटकी हुई हैं.

उपनल से रखे आउटसोर्स वर्कर होने हैं नियमित
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी विभागों में उपनल के जरिये रखे गए आउटसोर्स वर्कर्स को नियमित करने की नीति बनाने का ऐलान किया था. इसके लिए मुख्य सचिव दो बैठक भी कर चुके हैं. राज्य में करीब ऐसे 18 से 20 हजार कर्मचारी होने का अनुमान है जिन्हें चरणबद्ध तरीके से नियमित करने का आदेश हाई कोर्ट भी दे चुका है. अब नए आदेश से इन्हें नियमित करने की राह भी खुल पाएगी.

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Uttarakhand में अब नहीं होगी सरकारी भर्ती, जानिए क्यों लगा दी धामी सरकार ने अचान
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी.
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो)

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Uttarakhand में अब नहीं होगी सरकारी भर्ती, जानिए क्यों लगा दी धामी सरकार ने अचानक रोक

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