भारत के ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा करने वाले अपने बयान के लिए कांग्रेस पार्टी के भीतर आलोचनाओं का सामना कर रहे तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनके बयान व्यक्तिगत हैसियत में दिए गए थे और लोग उनके दृष्टिकोण को अस्वीकार करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं. पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा कि वह न तो कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता हैं और न ही केंद्र सरकार के.
कांग्रेस सांसद ने कहा, 'इस समय, संघर्ष के समय, मैंने एक भारतीय के रूप में बात की. मैंने कभी किसी और के लिए बोलने का दिखावा नहीं किया. मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं. मैं सरकार का प्रवक्ता नहीं हूं. मैंने जो कुछ भी कहा है, आप उससे सहमत या असहमत हो सकते हैं, इसके लिए व्यक्तिगत रूप से मुझ पर दोष मढ़ सकते हैं, और यह ठीक है.'
भारत-पाकिस्तान विवाद से निपटने के लिए सरकार के तरीकों का सार्वजनिक रूप से समर्थन करने वाले थरूर ने कहा कि उनके बयानों का उद्देश्य राष्ट्रीय चर्चा में योगदान देना था, खासकर ऐसे समय में जब भारत की स्थिति को वैश्विक मंच पर मजबूती से व्यक्त करने की जरूरत है.
थरूर ने कहा कि,'मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि मैं अपने निजी विचार व्यक्त कर रहा हूं. यह वास्तव में राष्ट्रीय चर्चा में योगदान था, ऐसे समय में जब हमारे लिए झंडे के इर्द-गिर्द एकजुट होना बहुत जरूरी था, खासकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर. हमारे दृष्टिकोण को सुनने में अपेक्षाकृत कमी थी, खासकर अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में.'
उन्होंने यह भी कहा कि,'लोग मेरे दृष्टिकोण को खारिज करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं. मुझे पार्टी से कोई संदेश नहीं मिला है. ' उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस में बेचैनी के बीच आई है, जिसे कुछ लोग आंतरिक अनुशासन का उल्लंघन मान रहे हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बंद कमरे में हुई बैठक में थरूर के हालिया बयान - खास तौर पर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हवाई हमलों को 'सुनियोजित' और 'बहुत सोच-समझकर किया गया' कहना - कांग्रेस नेतृत्व के एक वर्ग को पसंद नहीं आया.
कांग्रेस के खेमे से यह खबर भी बाहर आ रही है कि थरूर ने 'लक्ष्मण रेखा पार कर ली है. कांग्रेस ने अब तक सैन्य कार्रवाई पर सतर्क रुख बनाए रखा है और अपनी आलोचना मुख्य रूप से मोदी सरकार द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की मध्यस्थता के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को संभालने पर केंद्रित की है.
हालांकि, थरूर ने अमेरिकी बयान को खारिज कर दिया और ट्रंप के दावे का जोरदार खंडन किया तथा भारत की प्रतिक्रिया को संप्रभु, सुनियोजित निर्णय बताया.बता दें कि अभी तक, थरूर के खिलाफ कोई आधिकारिक अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है, तथा कांग्रेस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से परहेज किया है.
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