Pahalgam Terror Attack Effect on Tourism: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हुई है. मंगलवार को हुए इस हमले को लेकर पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ी हुई है. यह गुस्सा पहली बार कश्मीर में भी आम लोगों में देखने को मिला है. अब तक अमूमन किसी भी बड़ी आतंकी घटना के बाद घरों में दुबक जाने वाले कश्मीरी सड़कों पर उतरकर कैंडल मार्च निकालते दिखाई दिए और बुधवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जैसे पाकिस्तान समर्थक माने जाने वाले संगठन ने कश्मीर बंद का आयोजन किया है. यह बदला हुआ कश्मीर दिखाई देने का एक खास कारण है. दरअसल इस आतंकी हमले ने कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका दिया है, जो कश्मीरी लोगों की इनकम की लाइफलाइन मानी जाती है. हमले के बाद बुधवार को 6 घंटे के अंदर ही करीब 3,000 टूरिस्ट्स श्रीनगर एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़कर अपने-अपने घरों के लिए लौट गए हैं. इसके अलावा भी बड़े पैमाने पर आगामी दिनों की बुकिंग को रद्द करा दिया गया है.
आइए आपको 5 पॉइंट्स में बताते हैं कि किस तरह इस हमले ने टूरिज्म इंडस्ट्री को प्रभावित किया है-
1. इतने टूरिस्ट वापस लौटे, बढ़ानी पड़ गई फ्लाइट्स
पहलगाम में हमले के बाद कश्मीर में बाहर से आए टूरिस्ट्स में दहशत का माहौल है. हर कोई तत्काल अपने घर लौटने की जुगत में लगा हुआ है. केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक ट्वीट में कहा,'बुधवार को सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक महज 6 घंटे के अंदर श्रीनगर से 20 फ्लाइट्स ने उड़ान भरी हैं, जिनमें 3337 यात्री वहां से वापस लौटे हैं. एयरपोर्ट पर टूरिस्ट्स की हड़बड़ी को देखते हुए अतिरिक्त फ्लाइट्स की व्यवस्था की गई है. चार एक्स्ट्रा फ्लाइट्स ने रोजाना के मुकाबले सुबह उड़ान भरी है, जबकि शाम को भी दिल्ली के लिए इंडिगो (Indigo) की दो फ्लाइट (IndiGo 6E 3203 शाम 17:00 बजे और IndiGo 6E 3103 शाम 18:00 बजे) और स्पाइसजेट (SpiceJet) की एक फ्लाइट रात 22.30 बजे शेड्यूल्ड हैं.
2. श्रीनगर एयरपोर्ट पर लगी है भारी भीड़, लगाने पड़े टेंट्स
उड्डयन मंत्री ने यह भी बताया है कि श्रीनगर एयरपोर्ट पर वापस लौटने की जुगत भिड़ा रहे टूरिस्ट्स की भीड़ इतनी ज्यादा है कि उनके अपनी बारी का इंतजार करने के लिए वहां टेंट्स लगाकर व्यवस्था करनी पड़ी है. लोगों को पानी और खाना बांटा गया है. नायडू ने कहा कि मैं खुद निजी रूप से पूरी व्यवस्था देख रहा हूं. उधर, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भी सभी एयरलाइंस को श्रीनगर के लिए अतिरिक्त फ्लाइट्स उड़ाने का निर्देश दिया है.
3. एयरलाइन कंपनियां और होटल उठा रहे लाभ, बढ़ा दिए किराये, सरकार सख्त
टूरिस्ट्स की वापस लौटने की इस हड़बड़ी को देखते हुए एयरलाइन कंपनियों ने इसमें भी 'मुनाफा' देखना शुरू कर दिया है. यात्रियों की शिकायत है कि एयरलाइन कंपनियों ने किराये में बढ़ोतरी कर दी है. दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों के लिए टिकट के दाम 20,000 रुपये से भी ऊपर कूद गए हैं. अधिकतर एयरलाइन ऑपरेटर्स के पोर्टल पर टिकट Sold Out के स्टेट्स दिखाई दे रहे हैं, जिससे टिकटों के दाम और ज्यादा उछल गए हैं. केंद्रीय उड्डयन मंत्री ने एयरलाइन कंपनियों को इस मुनाफाखोरी को भी बंद करने के निर्देश दिए हैं. DGCA ने भी इस बारे में सख्त निर्देश जारी किया है, जिससे हालात थोड़े संभले हैं. उधर, वापस लौट रहे टूरिस्ट्स ने होटलों पर भी मुनाफाखोरी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि आतंकियों के कारण उनका प्रोग्राम खराब हुआ है, लेकिन होटल वाले बाकी दिनों की बुकिंग कैंसिल करने पर उनका पैसा नहीं लौटा रहे हैं.
In the wake of the tragic terror attack, we are constantly making efforts to ensure safe travel of tourists from Srinagar. Strict instructions were given to Airline companies to avoid any fare surges, Fares are being monitored and kept at reasonable levels.
— Ram Mohan Naidu Kinjarapu (@RamMNK) April 23, 2025
In addition to the… pic.twitter.com/jpxhvDDZl6
4. आम कश्मीर उतर आया है सड़क पर
इस घटना के कारण अपनी इनकम पर चोट लगते देखकर आम कश्मीरी नागरिक भी पहली बार आतंकियों के विरोध में सड़क पर उतर आया है. श्रीनगर में कभी आतंकियों का मेन अड्डा कहे जाने वाले लाल चौक पर भी आम कश्मीरी सड़क पर उतर कर विरोध करा रहा है और आतंकियों को लाल चौक पर लाकर उन्हें सजा देने की मांग कर रहा है. लाल चौक पर सभी दुकानें बंद हैं और आम लोग विरोध कर रहे हैं. हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (Hurriyat Conference) की पहल पर कश्मीर बंद का आयोजन किया गया है, जिसमें पहलगाम से श्रीनगर तक दुकानें और पेट्रोलपंप आदि सबकुछ बंद रहा है. राजनीतिक दलों से लेकर अलगाववादी इमेज रखने वाले नेताओं ने भी इस हमले के विरोध में बयान दिए हैं. इसे भी कश्मीरी जनमानस के आतंकवाद के विरोध में उतरने की झलक माना जा रहा है.
5. कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री को लगेगा हमले से बड़ा झटका
पहलगाम में टूरिस्ट्स पर हुए आतंकी हमले का व्यापक असर होने जा रहा है. खासतौर पर कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री एक बार फिर 1990 और 2000 के दशक वाले दौर में पहुंच सकती है, जब टूरिस्ट्स वहां जाने से भी घबराते थे. कश्मीर में आय का हर धंधा टूरिज्म इंडस्ट्री के साथ जुड़ा हुआ है, फिर चाहे वो टैक्सी, होटल का बिजनेस हो या सूखे मेवे और केसर आदि का बिजनेस, यह सबकुछ बाहरी राज्यों से आने वाले टूरिस्ट्स पर ही निर्भर है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि मंगलवार शाम तक ही कश्मीर के होटलों में अगले कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से आने जा रहे टूरिस्ट्स के बीच अपनी बुकिंग्स को कैंसिल कराने की होड़ लगी हुई थी. ट्रैवल एजेंट्स ने करीब 30 फीसदी बुकिंग रद्द हो जाने का दावा किया है. दावा किया जा रहा है कि यही हाल रहा तो अगले कुछ दिनों में कश्मीर में आम आदमी को रोजी-रोटी जुटाने में भी मुश्किल का सामना करना पड़ेगा. यही कारण है कि आम कश्मीरी आतंकवाद के खिलाफ सड़कों पर उतरने को मजबूर हुआ है.
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