Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्ट्स पर पिछले कुछ सालों का सबसे भयानक आतंकी हमला हुआ है. मंगलवार दोपहर हुए इस हमले के बाद पूरे देश में क्रोध की लहर दौड़ी हुई है. हर तरफ से पाकिस्तान को फाइनल सबक सिखाने की अपील की जा रही है. इसके चलते पाकिस्तान ने हमेशा की तरह हमले के पीछे अपना हाथ नहीं होने का रटा-रटाया राग गाना शुरू कर दिया है. पाकिस्तान ने इसे भारत के अपने लोगों का कारनामा बताया है. हालांकि इस पाकिस्तानी दलील की पोल आतंकियों ने खुद खोल दी है. आतंकियों की इस दुर्दांत घटना को अंजाम देने के समय की हरकतें खुद पाकिस्तान के खिलाफ गवाह बन गई हैं. हमले की जांच कर रही भारतीय एजेंसियों को मिले आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट्स ने साफतौर पर इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने की बात साबित कर दी है. 

मुजफ्फराबाद और कराची से 'ऑर्डर' ले रहे थे आतंकी
भारतीय एजेंसियों को घटनास्थल के आसपास मिले एडवांस कम्युनिकेशन डिवाइसेज से यह स्पष्ट हो गया है कि आतंकी लगातार किसी के साथ कम्युनिकेशन लिंक में जुड़े हुए थे. इन डिवाइसेज की जांच करने के बाद इनके डिजिटल फुटप्रिंट्स पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद और मुंबई से भागने के बाद पाकिस्तान में गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम का ठिकाना बने कराची शहर तक मिले हैं. इससे इस हमले के पीछे क्रॉस बॉर्डर लिंक होना पक्का साबित हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एजेंसियों ने इन दोनों शहरों में आतंकियों के कनेक्शन वाली जगहों की पहचान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संचालन वाले 'सेफ हाउस' के तौर पर की है. एजेंसियों का दावा है कि इन सेफ हाउस में इस घटना को अंजाम देने की योजना बनाने वाले हैंडलर बैठे हुए थे, जो आतंकियों से सीधे संपर्क में थे.

मिलिट्री ट्रेनिंग मिली हुई थी आतंकियों को
घटनास्थल से मिले सबूतों के आधार पर यह स्पष्ट है कि आतंकियों ने हमले में मिलिट्री ग्रेड वैपन्स का इस्तेमाल किया है. आज तक की रिपोर्ट में जांच एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हमला जिस तरीके से किया गया है, उससे यह तय है कि हमलावरों को मिलिट्री ट्रेनिंग मिली हुई थी. यह बिना किसी सेना की मदद के संभव नहीं हो सकता है. इसके चलते पाकिस्तानी सेना संदेह के घेरे में आ रही है. हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तानी सेना के समर्थन वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा का ही मुखौटा संगठन है.  

मुंबई हमले की तर्ज पर की गई थी पूरी प्लानिंग
खुफिया एजेंसियों ने हमले को अंजाम देने वाले 4 आतंकियों की तस्वीर जारी की है, जिनमें एक पाकिस्तान सेना से रिटायर आसिफ फौजी है. इनके अलावा दो स्थानीय आतंकियों आदिल निवासी बिजबेहड़ा और आसिफ निवासी त्राल के भी हमले में शामिल होने की पहचान हुई है. 2 आतंकी पश्तो भाषा में बात कर रहे थे, जो पाकिस्तान के ही एक इलाके में बोली जाती है. इन आतंकियों ने ट्रेंड फाइटर की तरह एके-47 राइफलों से लगातार फायरिंग की थी. इन आतंकियों ने 26/11 मुंबई हमले की तरह बॉडी कैमरे में हर बात रिकॉर्ड की है. 

लंबे समय से छिपे थे आतंकी, रेकी करके किया हमला
इस बात के भी सबूत मिले हैं कि आतंकी कुछ दिन पहले से ही जंगल में छिपे हुए थे. हमले के दौरान उनकी पीठ पर टंगे बैगों में माना जा रहा है कि सूखे मेवे, दवाइयां और कम्युनिकेशन डिवाइसेज थे, जिनकी मदद से वे छिपकर रेकी कर रहे थे. इस रेकी में स्थानीय लोगों ने भी उनकी मदद की है. पूरी तरह रेकी करने के बाद ही आतंकियों ने अपने पक्ष में हालात देखकर हमला किया है.

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डिजिटल वर्ल्ड ने खोल दी पाकिस्तान की पोल, इन दो शहरों से पल-पल के ऑर्डर ले रहे थ
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Pahalgam Terror Attack के गुनहगारों की यही तस्वीर जांच एजेंसियों ने जारी की है.
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Pahalgam Terror Attack के गुनहगारों की यही तस्वीर जांच एजेंसियों ने जारी की है.

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डिजिटल वर्ल्ड ने खोल दी पाकिस्तान की पोल, इन दो शहरों से पल-पल के ऑर्डर ले रहे थे आतंकी

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