रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों पर गोलियां चलाने से पहले उनसे उनका धर्म पूछा था. इस कायराना हरकत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है और एक महत्वपूर्ण कानूनी सवाल खड़ा कर दिया है: क्या किसी का धर्म पूछना अपराध है? और यदि हां, तो इसके लिए शिकायत कब और कहां दर्ज कराई जा सकती है तथा क्या सजा दी जा सकती है?
क्या किसी का धर्म पूछना दंडनीयअपराध है ?
भारतीय कानून के तहत किसी का धर्म पूछना मूलतः अपराध नहीं है. हालांकि, यदि किसी व्यक्ति के धर्म के बारे में पूछने का उद्देश्य उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, समाज में भेदभाव फैलाना, नफरत भड़काना या हिंसा बढ़ाना है, तो ऐसे इरादे से धर्म के बारे में पूछना भारतीय कानून के तहत एक गंभीर अपराध हो सकता है.
ऐसे मामले में शिकायत कहां दर्ज कराई जा सकती है ?
यदि कोई आपके धर्म के बारे में पूछकर आपकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है, या भेदभाव या हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहा है, तो आप तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन जाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करा सकते हैं. आपकी शिकायत में घटना का विवरण, दिनांक, समय, स्थान तथा यदि कोई गवाह है तो उसका स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए. यदि आपके पास घटना से संबंधित कोई साक्ष्य (जैसे रिकॉर्डिंग या फोटोग्राफ) है, तो उसे भी प्रस्तुत किया जा सकता है.
यदि पुलिस शिकायत न सुने तो क्या करें ?
यदि कोई पुलिस स्टेशन ऐसे संवेदनशील मामले में आपकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दे, तो आपको हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. आप तुरंत पुलिस अधीक्षक (एसपी) या पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं और अपनी शिकायत उनके समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं. इसके अलावा कई राज्यों में एफआईआर दर्ज करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी उपलब्ध हैं. उदाहरण के लिए, दिल्ली पुलिस के ऑनलाइन पोर्टल delhipolice.gov.in , उत्तर प्रदेश पुलिस के uppolice.gov.in और मध्य प्रदेश में शिकायतों के लिए cmhelpline.mp.gov.in का उपयोग किया जा सकता है.
ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया:
यदि किसी राज्य पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो आप केंद्रीय स्तर के पोर्टल यानी केंद्रीय लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसका पता pgportal.gov.in है . ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के लिए आपको वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा. फिर एक फॉर्म भरना होगा जिसमें शिकायत का विस्तृत ब्यौरा देना होगा और यदि कोई साक्ष्य हो तो उसे भी अपलोड करना होगा.
पुलिस के अलावा और कहां शिकायत दर्ज कराई जा सकती है ?
यदि पुलिस और राज्य पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बाद भी आपकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो आप राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी - nhrc.nic.in ) या राज्य मानवाधिकार आयोग में भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं . इसके लिए आप ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं या डाक से अपनी शिकायत भेज सकते हैं. यदि किसी महिला से उसका धर्म पूछकर उसे परेशान किया जाता है, तो वह राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW - ncw.nic.in ) या राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज करा सकती है . यदि पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित है, तो वह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम - ncm.nic.in ) में भी शिकायत दर्ज करा सकता है . ये सभी आयोग मानवाधिकार उल्लंघन और भेदभाव से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हैं.
ऐसे मामलों में क्या सजा दी जाती है ?
अगर धर्म या जाति पूछकर नफरत फैलाने का इरादा है तो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 196 के तहत तीन से पांच साल की सजा हो सकती है. यदि धर्म के बारे में पूछने के पीछे की मंशा किसी का अपमान करना है तो बीएनएस की धारा 197 के तहत तीन साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. यदि कोई आपसे आपका धर्म पूछकर आपको धमकाता है, तो आपको दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 351(2) के तहत सात साल तक की जेल की सजा हो सकती है. (नोट: धारा 351 मुख्य रूप से हमले से संबंधित है, यह संभव है कि पाठ में धमकी से संबंधित BNS के अंतर्गत एक अन्य धारा का उल्लेख हो). यदि किसी महिला से उसका धर्म पूछकर उसकी गरिमा का अपमान करने का प्रयास किया जाता है, तो ऐसे मामले में तीन वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है.
महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसे मामले आमतौर पर गैर-जमानती होते हैं, यानी पुलिस स्टेशन से सीधे जमानत नहीं मिलती. हालाँकि, अदाfलत अपने विवेक के आधार पर जमानत दे सकती है.
इस प्रकार, पहलगाम जैसी घटनाएं बताती हैं कि धर्म के आधार पर भेदभाव और हिंसा फैलाने का प्रयास एक गंभीर अपराध है. नागरिकों को अपने कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए तथा ऐसे मामलों में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार शिकायत दर्ज कराकर न्याय पाने का प्रयास करना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए कानून विशेषज्ञ की मदद लें.)
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किसी का धर्म पूछना क्या अपराध है?
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