यदि आपके घर में बच्चा जन्म लेने वाला है और आप उसके लिए सबसे अच्छी कुंडली चाहते हैं, तो प्रसव से पहले ज्योतिष से जरूर शुभ समय दिखा लिया करें. हालांकि ये शुभ समय केवल उन्हीं के लिए कारगर होगा जिनकी डिलीवरी सर्जरी से होने वाली है. अगर मई में आपके बच्चे होने की डेट है और आपको डॉक्टर ने सर्जरी पहले ही बता दी है तो आपके लिए बहुत बेहतरीन मौका है कि आप अपने बच्चे का जन्म मई की कुछ खास तारीखों पर न होने दें.
क्योंकि मई में कुछ तारीखें ऐसी हैं जिनमें बच्चे का जन्म हुआ तो उसकी कुंडली में कई दोष हो सकते हैं. मई की कुछ तारीखों पर जन्मे बच्चों की कुंडली में शनि की साढ़े-साती और अमावस्या का प्रभाव दिख सकता है. साथ ही एक और विशेष तारीख पर बच्चे को जन्म देने या गर्भवती होने के लिए सहवास बिलकुल न करें. क्योंकि ये दिन देश और पूरी दुनिया के लिए कुछ बुरी घटनाओं का अंदेशा दे रहा है.
शनि की साढ़े-साती
जब चंद्रमा और शनि एक दूसरे के करीब या एक ही घर में होते हैं, तो ऐसे समय में पैदा हुए बच्चों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती मानी जाती है. चंद्रमा मातृत्व, भावनाओं और धन का प्रतीक है, जबकि शनि दुख और कठिनाइयों का प्रतीक है. इसलिए, ऐसे संयोजन में, माँ को बच्चे के जन्म के बाद कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव हो सकता है.
मई में शनि की साढ़े-साती किन बच्चों की कुंडली में रहेगी?
20 मई को प्रातः 3.37 बजे से 26 मई को दोपहर 12.55 बजे तक इस अवधि में जन्म लेने वाले बच्चों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती मानी जाएगी. क्योंकि इस समय शनि मीन राशि में स्थित होगा और शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव इन तीन राशियों - मीन, कुंभ और मेष पर पड़ेगा. इस बीच, यदि अन्य योग अच्छे हों तो शनि की साढ़ेसाती ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएगी.
अमावस्या का प्रभाव
यद्यपि अमावस्या को कैलेंडर में एक ही दिन माना जाता है. लेकिन ज्योतिष के अनुसार अमावस्या का संयोग तब बनता है जब चंद्रमा और सूर्य एक ही राशि में आते हैं. सूर्य को जीवन के लिए प्रकाश का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है. जब एक छोटा दीपक उसके पास लाया जाता है तो उसकी लौ धीमी हो जाती है. चंद्रमा के साथ भी स्थिति ऐसी ही है, जो मानसिक कष्ट, अस्थिरता और भावनात्मक संकट का कारण बन सकता है. शिशु के विकास के प्रारंभिक चरण में चंद्रमा एक कारक है. उदाहरण के लिए, कफ फेफड़ों का एक घटक है.
अमावस्या योग का प्रभाव कब तक होगा
यह 26 मई से शुरू होकर 28 मई को अपराह्न 3.40 बजे तक चलेगा. इस समय जन्म लेने वाले बच्चों की कुंडली में सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होंगे. जिसका असर अमावस्या जैसा होगा. यदि संभव हो तो इस अवधि के दौरान बच्चे के जन्म को स्थगित करने का प्रयास करें. यदि किसी विशेष कारण से इस समय जन्म लेना आवश्यक हो तो कुंडली को ध्यानपूर्वक देखें तथा सबसे शुभ समय का चयन करें.
30 मई का दिन भी नहीं होगा शुभ
बच्चे के जन्म के लिए 30 मई का दिन भी ठीक नहीं होगा क्योंकि इस दिन ऐसे ग्रहों का समीकरण बन रहा है जो महाभारत के समय बना था. 6 ग्रहों की ये युति देश-दुनिया में कई अप्रिय घटनाओं का आगाज कर सकती है.
30 मई 2025 को, छह ग्रह एक ही राशि में युति (conjunction) बना रहे हैं, जिसमें बुध, सूर्य, बृहस्पति, शुक्र, राहु और केतु शामिल हैं. इन ग्रहों का एक साथ आना और इनका समीकरण प्राकृतिक आपदा से लेकर युद्ध और विनाश का इशारा करते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए एस्ट्रोलॉजर से संपर्क करें.)
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

मई में इन तारीखों पर न करें बच्चे पैदा
मई की इन 10 तारीखों पर डिलीवरी से बचें, वरना बच्चे पर शनि की साढ़ेसाती और अमावस्या का होगा बुरा प्रभाव