डीएनए हिंदी: भगवान की पूजा में धूप—दीप जलाने का विधान सभी करते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि दीप जलाते समय कुछ सावधानी अगर न बरती जाए तो पूजा का फल नहीं मिलता? उल्टे पूजा खंडित हो जाती है?
हिंदू धर्म में भगवान की पूजा तब तक पूरी नहीं मानी जाती जब तक उनके समक्ष दीप प्रज्जवलित न किया जाए लेकिन बहुत से लोगों को ये पता नहीं होता है कि दीप जलाने की सही विधि क्या है. दीपक जलाने से घर में सुख—शांति का वास होता है, लेकिन छोटी सी भूल इस कलह में बदल सकती है. तो चलिए जानते हैं कि दीपक जलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
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दीपक खंडित हो तो बदल दें
कभी भी खंडित दीपक में दीप नहीं जलाना चाहिए. किसी भी धार्मिक काम में फूल—पत्ती से लेकर दीपक तक खंडित चीजों का प्रयोग अशुभ माना जाता है.पूजा करते वक्त साफ व सही दीपक का प्रयोग करना चाहिए.
दीपक रखने का स्थान
पूजा करते समय घी का दीपक हमेशा भगवान के सामने लेकिन अपने बाईं ओर रखें और अगर आप तेल का दीपक जला रहे तो इसे खुद के दाएं हाथ की ओर रखें.
बाती कैसी होनी चाहिए
घी के दीपक में सफेद रुई और तेल के दीपक में हमेशा रक्षासूत्र या लाल धागे की बत्ती का इस्तेमाल करें.
दीप रखने की दिशा
दीपक रखने की सही दिशा पूरब मानी जाती है.पश्चिम दिशा में दीपक रखने से फिजूलखर्च बढ़ता है. पितरों के निमित्त दक्षिण दिशा में दीपक जलाया जाता है.
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दीपक कभी जमीन पर न रखें
शाम के वक्त घर के मुख्य दरवाजे पर दीपक को जमीन पर न रखकर चावल या दूसरी चीज़ के ऊपर रखें.
दीपक से दीपक का जलाना
कभी भी एक दीपक से दूसरे दीपक को ना जलाएं. दीपक को हमेशा अलग-अलग करके जलाएं.
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