हिंदू धर्म में एकादशी के अलावा दूसरी सबसे महत्वूपर्ण तिथि अमवास्या को माना जाता है. इस दिन पितरों का तर्पण और दान करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. पितृदोष से मुक्ति मिलती है. अगर आप पितरों की नाराजगी से परेशान हैं. काम अटक रहे हैं. खूब मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है या फिर घर में रोग का वास हो गया है तो वैशाख अमावस्या पर इन उपायों को आजमा सकते हैं. इन्हें कर आप पितृदोष से मुक्ति पा सकते हैं. पितरों को प्रसन्न कर उनके आशीर्वाद से सभी काम बनते चले जाएंगे. आइए जानते हैं कब है वैशाख अमावस्या, इसका महत्व और उपाय...
इस दिन है वैशाख अमावस्या
वैसे तो अमावस्या तिथि हर माह आती है, लेकिन इन सब में वैशाख माह में आने वाली अमावस्या तिथि का महत्व बहुत अधिक होता है. इस बार वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल रविवार को पड़ेगी. इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों को जल प्रदान कर दान करने से पितर प्रसन्न होंगे. व्यक्ति को पुण्यों की प्राप्ति होगी.
वैशाख अमावस्या पर पितरों को ऐसे करें प्रसन्न
अगर आपके पितृ नााराज हैं या फिर पितृदोष लगा है तो इन्हें प्रसन्न करने के लिए अमावस्या तिथि को बेहद खास माना गया है. इस दिन कुछ उपाय करने से पितरों को शांति प्राप्त होती है. यही वजह है कि वैशाख अमावस्या को पित्र मोक्ष अमावस्या भी कहा जाता है.
पितृ दोष से मुक्ति के ये हैं उपाय
अगर आप पितृदोष से जूझ रहे हैं तो किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करें. इसके बाद जरूरतमंद और अपंग, नेत्रहीन, अनाथ, कोड़ी और वृद्ध लोगों को दान दें. उन्हें खाना खिलाएं. अमावस्या की शाम को पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं. इसके अलावा अमावस्या पर दिन के समय ब्राह्मणों को भोग करायें. अमावस्या पर कच्चा दूध, पानी, काले तिल एक साथ मिलाकर बरगद की पेड़ की जड़ में अर्पित करें. इससे पितरों को मुक्ति मिलती है. पितृ प्रसन्न होते हैं. पितृदोष खत्म हो जाता है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है, जो लोक कथाओं और मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टी नहीं करता है)
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वैशाख अमावस्या पर ये उपाय कर पितृदोष से पाएं मुक्ति, जानें इसकी तारीख से लेकर तर्पण की विधि