कलियुग में मनुष्य मानवता भूल जाता है. धर्म नष्ट हो जायेगा. हिंसा, धोखाधड़ी, डकैती, अपराध और कई अन्य जघन्य कृत्यों की घटनाएं बढ़ेंगी. जब भी हम इन दिनों घटित हो रही घटनाओं को देखते हैं तो हमें ऐसा लगता है जैसे यह कलियुग है. इसका मतलब यह है कि हमारी यह धारणा है कि कलियुग में हर जगह बुराई का बोलबाला होगा. जैसे-जैसे कलियुग अपने चरम की ओर बढ़ रहा है, हम समाज में विभिन्न परिवर्तन होते हुए देख सकते हैं. हम देख सकते हैं कि कलियुग में न केवल मानव की मानसिक स्थिति बदलती है, बल्कि कई शारीरिक परिवर्तन भी होते हैं. विष्णु पुराण में कलियुग में मनुष्यों में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों का वर्णन है.
त्वचा रोगों का खतरा रहेगा
त्रेता युग और द्वापर युग के दौरान, मानव ने प्राकृतिक साधनों के माध्यम से अपनी सुंदरता बनाए रखी. आयुर्वेद में वर्णित कई जड़ी-बूटियों का उपयोग करके महिलाएं दशकों से अपनी सुंदरता को नियंत्रित करने में सक्षम रही हैं. न केवल स्त्रियाँ, बल्कि पुरुषों में भी शारीरिक सुंदरता बहुत अधिक थी. उनके शरीर पर विशेष चमक थी. लेकिन वर्तमान में, अर्थात् कलियुग में, हम मनुष्य में यह सारी भौतिक सुन्दरता नहीं देख पाते . विष्णु पुराण की भविष्यवाणी के अनुसार कलियुग के अंत तक मनुष्य कई प्रकार के चर्म रोगों का गुलाम बन जाएगा और उसके चेहरे की चमक दिन बीतने के साथ गायब हो जाएगी.
मांसपेशियों में कमजोरी
त्रेता युग और द्वापर युग के दौरान, हर कोई मनुष्य की शारीरिक शक्ति की प्रशंसा करता था. इन दोनों युगों में ऐसे योद्धा हुए जिन्होंने बिना किसी हथियार के, सिर्फ अपनी भुजाओं और मांसपेशियों के बल से ही अपने शत्रुओं का वध कर दिया. लेकिन वर्तमान समय में लोगों की शारीरिक फिटनेस कम होती जा रही है. आजकल लोग इसलिए सो जाते हैं क्योंकि कुछ देर काम करने के बाद वे थका हुआ महसूस करते हैं. विष्णु पुराण की भविष्यवाणी के अनुसार , कलियुग में मनुष्य की मांसपेशियां बुढ़ापे से पहले ही तेजी से अपनी ताकत खो देंगी. इससे मनुष्य की शारीरिक क्षमताएं प्रभावित होती हैं.
घटती जाएगी लंबाई
कई पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा उल्लेख मिलता है कि त्रेता युग और द्वापर युग के दौरान मनुष्य की लंबाई लगभग 7 फीट होती थी. लेकिन जब द्वापर युग समाप्त हुआ और कलियुग आया तो मनुष्य की ऊंचाई भी कम होने लगी. कलियुग में मनुष्य की औसत ऊंचाई केवल साढ़े पांच से छह फुट होगी. विष्णु पुराण के अनुसार, जब कलियुग अपने चरम पर होगा या अपने अंत में प्रवेश करेगा, तब मनुष्य की ऊंचाई केवल 3-4 फीट रह जाएगी.
मानव जीवन काल घट रहा है
त्रेता युग और द्वापर युग की कहानियों में एक व्यक्ति की औसत आयु लगभग 100 वर्ष थी. महाभारत की कथा के अनुसार , द्वापर युग में भीष्म पितामह की आयु 150 वर्ष से अधिक थी. हालाँकि, भगवान कृष्ण की आयु लगभग 125 वर्ष थी. वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम ने अयोध्या पर 100 वर्षों से अधिक समय तक शासन किया. विष्णु पुराण के अनुसार कलियुग के अंत में मनुष्य की औसत आयु केवल 12 से 20 वर्ष बताई गई है.
दृष्टि में कमी
मानव की आंखें हर युग में, यहां तक कि त्रेता युग में भी, स्वाभाविक रूप से बहुत सुंदर रही हैं. किसी व्यक्ति की भावनाओं को उसकी आँखों की चमक से देखा जा सकता है. लेकिन कलियुग में तो आंखें भी इंसानों की तरह धोखा देने लगी हैं. विष्णु पुराण के अनुसार, कलियुग के अंत में मानव आंखों की संरचना में कई परिवर्तन होंगे. औसतन, मानव आँखें छोटी होती जा रही हैं. साथ ही, मनुष्य की दृष्टि समय से पहले ही कमजोर होने लगती है. यहां तक कि एक-दूसरे के करीब खड़े लोग भी एक-दूसरे को पहचान नहीं पाएंगे.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. इस खबर की पुष्टी डीएनए हिंदी नहीं करता है.)
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