Pope Francis Death: कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु, पोप फ्रांसिस का आज 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. पिछले कुछ समय से अपनी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे पोप फ्रांसिस की मृत्यु ने न केवल चर्च, बल्कि पूरी दुनिया को गहरे शोक में डुबो दिया है. उनके निधन के बाद, एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया शुरू होती है - नए पोप के चुनाव की, जिसे 'कॉन्क्लेव' कहा जाता है. इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं कार्डिनल्स, जो चर्च के सबसे उच्च रैंक वाले पादरी होते हैं और इस चुनाव का तरीका बहुत ही परंपरागत और गोपनीय होता है. आज हम आपको इस पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताएंगे.
पोप का चुनाव कैसे होता है?
जब पोप का निधन होता है, या वे खुद अपने पद से इस्तीफा देते हैं, तो वेटिकन सिटी में एक खास बैठक बुलाई जाती है जिसे 'कॉन्क्लेव' कहते हैं. यह बैठक पोप के उत्तराधिकारी का चुनाव करने के लिए होती है. इस बैठक में दुनियाभर से कार्डिनल्स, जो चर्च के सबसे उच्चतम रैंक वाले पादरी होते हैं, शामिल होते हैं.
बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग रखा जाता है
हालांकि दुनियाभर में लगभग 230 कार्डिनल्स हैं, लेकिन केवल वे कार्डिनल्स ही वोट दे सकते हैं जिनकी उम्र 80 साल से कम हो. इस गोपनीय बैठक का आयोजन सिस्टीन चैपल में होता है और इसकी प्रक्रिया को पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है. कार्डिनल्स को इस दौरान बाहरी दुनिया से पूरी तरह से अलग रखा जाता है, ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना फैसला ले सकें.
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क्या है नियम?
वोटिंग तब तक होती है जब तक कोई उम्मीदवार दो-तिहाई वोट नहीं पा लेता. जब नया पोप चुन लिया जाता है, तो वेटिकन के सिस्टीन चैपल से सफेद धुआं निकलता है, जिससे दुनिया को इस ऐतिहासिक घटना की जानकारी मिलती है. इसके बाद नया पोप जनता के सामने आता है और अपनी पहली दुआ (Blessing) देता है.
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Pope Election Process
कैसे होता है पोप का चुनाव, जानिए पूरी प्रक्रिया