Pakistan Reaction on Tahawwur Rana: मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया है. राणा को अमेरिका से NIA और RAW की जॉइंट टीम स्पेशल विमान से दिल्ली लाई है, जिसे पालम एयरपोर्ट पर उतारा गया है. मुंबई हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा का हाथ था. इसके बावजूद पाकिस्तान आज तक इस हमले से अपना कनेक्शन होने की बात नकारता रहा है, लेकिन अब तहव्वुर राणा के भारत को प्रत्यर्पित किए जाने से पाकिस्तानी हुक्मरानों में अपनी पोल खुलने का खौफ पैदा हो गया है. इसके चलते पाकिस्तान ने राणा का विमान भारत में लैंड करने से पहले ही उससे अपना पल्ला झाड़ना शुरू कर दिया है. चलिए आपको बताते हैं कि पाकिस्तान ने इस मामले में क्या सफाई देने की कोशिश की है.
राणा को बताया कनाडाई नागरिक, कहा- हमसे नाता नहीं
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने तहव्वुर राणा को लेकर बयान दिया है, जिनमें उसके पाकिस्तानी नहीं कनाडाई नागरिक होने की बात कहकर पल्ला झाड़ा गया है. पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान से राणा के प्रत्यर्पण को लेकर सवाल पूछे गए थे. शफकत ने कहा,'तहव्वुर राणा करीब 20 साल पहले पाकिस्तान छोड़कर कनाडा चला गया था. उसने अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का दो दशक से नवीनीकरण नहीं कराया है. उसकी कनाडाई नागरिकता पूरी तरह स्पष्ट है. वह हमारा नागरिक कैसे हो सकता है? पाकिस्तान कनाडा के लिए पलायन करने वाले व्यक्ति को दोहरी नागरिकता की इजाजत नहीं देता है. ऐसे में स्पष्ट है कि वह कनाडा का नागरिक है.
क्या डर सता रहा है पाकिस्तान को
मुंबई हमले की जिम्मेदारी भले ही लश्कर-ए-ताइबा ने ली थी, लेकिन इस आतंकी हमले को करने के लिए उसकी मदद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने की थी. आईएसआई और पाकिस्तानी सेना की मदद से ही आतंकी कराची से बोट के जरिये समुद्र के रास्ते मुंबई तक पहुंच सके थे. तहव्वुर राणा भी पाकिस्तानी सेना का ही पूर्व अफसर है, जिसने आईएसआई के कहने पर ही लश्कर को इस हमले के लिए ग्राउंड सपोर्ट मुहैय्या कराया था. तहव्वुर राणा ने डेविड कोलमैन हैडली को मुंबई में रेकी करने के लिए भेजा था. हैडली को इसके लिए राणा ने ही पासपोर्ट उपलब्ध कराया था. इस रेकी के आधार पर आतंकियों के लिए ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले टारगेट तय करने, उन टारगेट तक पहुंचने के नक्शे तैयार कराने और हमले को अंजाम देने के लिए अन्य जरूरी चीजें मुहैय्या कराने तक का काम भी राणा ने ही किया था. अब तक पाकिस्तानी हुक्मरान इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं, लेकिन अब राणा के भारत की गिरफ्त में आने पर यह सच पूरी दुनिया के सामने आ सकता है. अपनी पोल खुलने के इसी डर से पाकिस्तानी हुक्मरान खौफजदा होकर पहले ही उससे पल्ला झाड़ने लगे हैं.
पाकिस्तानी सेना को अफसर देने वाले स्कूल से पढ़ा है राणा
आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा का जन्म 12 जनवरी 1961 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत चिचावतनी में हुआ था. उसके पिता लाहौर में एक हाई स्कूल के प्रिंसिपल थे. पाकिस्तानी सेना को अफसर देने के लिए मशहूर कैडेट कॉलेज हसन अब्दल से राणा ने ग्रेजुएशन किया था, जहां उसकी दोस्ती मुंबई आतंकी हमले के लिए रेकी करने वाले आतंकी डेविड कोलमैन हेडली से हुई थी. राणा ने मेडिकल में डिग्री हासिल करने के बाद पाकिस्तानी सेना जॉइन की थी. वह पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में कैप्टन जनरल ड्यूटी था. राणा साल 1997 में पाकिस्तानी सेना से रिटायर हुआ था और अपनी डॉक्टर पत्नी के साथ कनाडा शिफ्ट हो गया था. हालांकि उसका कनेक्शन ISI से जुड़ा रहा था, जिसकी मदद से वह लश्कर-ए-ताइबा के संपर्क में आया था. शिकागो में रहने वाले तहव्वुर को 2001 में कनाडा की नागरिकता मिली थी. वहां वह इमिग्रेशन और ट्रैवल एजेंसी चला रहा था. तहव्वुर राणा का पिता और भाई ओटावा में रहते हैं. उसका भाई कनाडा के राजनीतिक अखबार द हिल टाइम्स में जर्नलिस्ट है, जबकि दूसरा भाई पाकिस्तान में ही सेना के लिए मनोचिकित्सक के तौर पर काम करता है.
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