Trump Tariff Effect: यदि आप अपने लिए एप्पल आईफोन (Apple iPhone) खरीदने की सोच रहे हैं तो आपका यह सपना बेहद महंगा होने जा रहा है. इसे दूसरे शब्दों में कहें तो यदि अब तक यह फोन खरीदने के लिए छोटी सी थैली में पैसे लेकर जाना पड़ता था तो अब इसके उलट बड़े थैले में नोट भरकर ले जाने होंगे. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के 2 अप्रैल से 180 देशों पर बढ़ाए गए Reciprocal Tax के कारण ऐसा होने जा रहा है. ट्रंप के इस टैरिफ (Trump Tariff) के कारण इन देशों के प्रॉडक्ट्स महंगे हो जाएंगे. इनमें भारत, चीन और वियतनाम भी शामिल हैं, जहां अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी एप्पल (Apple) के प्रॉडक्ट्स या उनके पार्ट्स बनते हैं. ट्रंप ने इन तीनों देशों पर भी बेहद मोटा टैरिफ लगाया है, जिससे माना जा रहा है कि फिलहाल 1.36 लाख रुपये में बिकने वाले Apple iPhone की कीमत इस टैरिफ वार के कारण 2.10 लाख रुपये तक पहुंच सकती है. हालांकि इस बढ़ी हुई कीमत का सबसे ज्यादा खामियाजा अमेरिका के ही लोगों को भुगतना पड़ेगा.
ट्रंप ने बढ़ाया है भारत-चीन पर इतना टैरिफ
Trump के टैरिफ वॉर की चपेट में सबसे ज्यादा असर चीन, भारत और वियतनाम पर ही हुआ है. यहां बेहद मोटा टैरिफ बढ़ाया गया है. भारत पर 27 फीसदी, चीन पर 54 फीसदी और वियतनाम पर 46 फीसदी टैरिफ बढ़ाया गया है. Money9 की रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल कंपनी अपने जितने iPhone बेचती है, उनमें से 80 फीसदी चीन में बनाए जाते हैं. भारत में 10 से 15 फीसदी एप्पल आईफोन असेंबल किए जाते हैं. वियतनाम में आईफोन नहीं बनता, लेकिन उसके कुछ पार्ट्स बनते हैं. साथ ही उसकी 90 फीसदी एप्पल वॉच (Apple Watch) और 20 फीसदी iPads का निर्माण वियतनाम में ही होता है. इन आंकड़ों से खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने का असर कैसे आईफोन और अन्य एप्पल प्रॉडक्ट्स की कीमत पर पड़ने वाला है.
कितना आ सकता है कीमत में अंतर
Apple iPhone 16 Pro Max (1TB) की मौजूदा कीमत अमेरिका में 1.36 लाख रुपये है. यदि मान लें कि बिकने जा रहा फोन भारत में असेंबल हुआ है तो उस पर 26 फीसदी टैरिफ और बढ़ाना होगा. ऐसे में इसकी कीमत 1.72 लाख रुपये हो जाएगी. इसके उलट यदि यह फोन चीन में बनकर पहुंचा है तो 54 फीसदी टैरिफ के साथ इसकी कीमत 2.10 लाख रुपये हो जाएगी. इस हिसाब से देखा जाए तो चीन में बने फोन की मौजूदा कीमत में 863.46 डॉलर और भारत में बने फोन की मौजूदा कीमत में 415.74 डॉलर की बढ़ोतरी हो जाएगी. हालांकि एप्पल दो अलग-अलग देश से आए फोन के लिए अलग-अलग कीमत तय नहीं करेगा यानी ग्राहक को चीन में बनने वाले फोन पर बढ़ने वाली कीमत का ही बोझ उठाना होगा.
क्या एप्पल अपनी तरफ से दे सकता है कीमत में राहत?
भारत हो या चीन, दोनों ही जगह का बढ़ा हुआ टैरिफ iPhone की प्रॉडक्शन कॉस्ट में ही जुड़ेगा, जिससे उसकी कीमत बढ़ जाएगी. इस बढ़ी हुई कीमत का बोझ कस्टमर्स को ही उठाना होगा, क्योंकि इस बात की संभावना कम ही है कि एप्पल कंपनी इस कीमत का बोझ खुद उठाएगी. इससे पहले साल 2018 में भी ट्रंप प्रशासन के टैरिफ बढ़ाने पर एप्पल ने अपनी एक्सेसरीज की कीमत बढ़ाकर यह बोझ कस्टमर्स से ही वसूला था. हालांकि उस समय आईफोन की कीमत नहीं बढ़ाई गई थी, लेकिन इस बार कीमत में इतना ज्यादा अंतर आने जा रहा है कि एप्पल इसे अपनी जेब से पूरा करने का फैसला शायद ही ले पाएगा.
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अब Apple iPhone खरीदने के लिए पर्स में नहीं थैले में लेकर जाने पड़ेंगे नोट? जाने कितनी बढ़ेगी कीमत