Uddhav Thackeray and Raj Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ सालों से आए दिन कुछ न कुछ नया अपडेट आता रहता है. अब ताजा मामला उद्धव ठाकरे और चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ आने का है. इस खबर के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल शुरू हो गई है. अहम की लड़ाई के चलते शिवसेना से साल 2006 में अलग होकर राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था.

जिस वक्त राज ठाकरे शिवसेना से अलग हुए तब प्रमुख कारण पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर बहस थी. उद्धव ठाकरे को उत्तराधिकारी बना दिया गया तो इस पर तो इस पर राज ठाकरे को आपत्ति हुई. पार्टी के नेतृत्व से असंतुष्ट होकर उन्होंने पार्टी छोड़ कर नई पार्टी बनाई. 

कौन क्या बोला?

बीते शनिवार राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के हित में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के साथ गठबंधन की इच्छा जताई. उसके जवाब में उद्धव ने कहा कि मराठी मानुष के लिए मराठी लोग एकजुट हों, लेकिन उनकी शर्त है कि गठबंधन सिद्धातों पर आधारित हो, अवसरवादी नहीं. बारामती सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, 'आज अगर बाल ठाकरे हमारे बीच होते तो वे बहुत खुश होते. अगर दोनों भाई महाराष्ट्र के हित के लिए फिर से एकजुट हो रहे हैं तो हमें इसका तहे दिल से स्वागत करना चाहिए.' 

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर दोनों साथ आते हैं तो हमें खुशी होगी, क्योंकि अगर लोग अपने मतभेद सुलझा लेते हैं तो यह अच्छी बात है. मैं इसके बारे में और क्या कह सकता हूं'

दोनों साथ आ गए तो क्या बदलाव होंगे?

राजनीतिक पंडितों का मानना है  अगर राज और उद्धव साथ आ गए तो इससे महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. यह गठबंधन मराठी मतदाओं को एकजुट तो करेगा ही साथ ही भाजपा-शिंदे गठबंधन के लिए चुनौती भी बनेगा. इसके अलावा मराठी वोट बैंक को मजबूत कर सकता है.


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वहीं, दोनों शख्सियत को साथ आने को लेकर कई पेंच भी बताए जा रहे हैं. जैसे अगर दोनों नेता एक होते हैं तो क्या उद्धव ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी का साथ छोड़ेंगे? क्या राज ठाकरे कांग्रेस के साथ जाएंगे. यहां दोनों ही नेता अपनी-अपनी जगह अड़िग हो सकते हैं. दोनों दलों के बीच वैचारिक मतभेद और पिछले विवाद इस गठबंधन में बाधा बन सकते हैं. दोनों भाई मिलकर महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव ला सकते हैं. बशर्ते दोनों राजनीतिक अहंकार को भूलकर जनता के मुद्दों को तरजीह दें. 

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Why did Uddhav and Raj Thackeray separate If they come together how much will politics change Will Thackeray be able to fill the void of Eknath Shinde
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उद्धव और राज ठाकरे क्यों हुए थे अलग? यदि साथ आ गए तो कितनी बदलेगी राजनीति
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उद्धव और राज ठाकरे क्यों हुए थे अलग?  यदि साथ आ गए तो कितनी बदलेगी राजनीति, एकनाथ शिंदे की कमी पूरी कर पाएंगे Thackeray?
 

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