Who Was Kailashnath Wanchoo: यदि आपसे पूछा जाए की अदालत में जज बनने के लिए कौन सी डिग्री की जरूरत है तो आप झट से लॉ की डिग्री का नाम लेंगे. लेकिन यदि हम यह कहें कि एक शख्स लॉ की डिग्री के बिना भी जज बने थे. इतना ही नहीं वह देश में न्यायपालिका की सर्वोच्च गद्दी यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद तक भी पहुंचे थे तो आप क्या कहेंगे? निश्चित तौर पर आपके दिमाग में सवाल होगा कि ऐसा कैसे हो सकता है? यह सवाल इस समय बेहद चर्चा में है, क्योंकि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dube) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पर तंज कसने की अपनी सीरीज में इस शख्स का जिक्र किया है. दुबे ने एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर लिखा,'क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू ने कानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी.' दुबे ने यह कमेंट उस समय लिखा, जब वे कांग्रेस के शासन में संविधान की धज्जियां उड़ाए जाने का आरोप लगा रहे थे. इसी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कैलाशनाथ वांचू का नाम लेते हुए कहा कि CJI की नियुक्ति के लिए लॉ की डिग्री होना उस समय अनिवार्य नहीं होने के कारण वांचू को इस पद पर तैनात किया गया था. दुबे के इस बयान के बाद हर तरफ कैलाशनाथ वांचू की ही चर्चा हो रही है. चलिए हम आपको यह पूरा मामला समझाते हैं.
पहले जान लीजिए दुबे के तंज कसने का कारण
दरअल सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों पहले राष्ट्रपति के लिए किसी बिल पर विचार करने की डेडलाइन तय करने का फैसला दिया. इसके बाद टॉप कोर्ट ने केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून पर कमेंट कर दिए. इससे सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. सबसे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा. इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लगातार घेरा हुआ है. इसी क्रम में उन्होंने कैलाशनाथ वांचू (Kailashnath Wanchoo) वाला बयान भी दिया है. इस बयान की विपक्षी दलों ने आलोचना की है और इसे न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश की है.
अब जान लीजिए कौन थे कैलाशनाथ वांचू
कैलाशनाथ वांचू साल 1967 में भारत के 10वें चीफ जस्टिस बने थे. इससे पहले वे ब्रिटिश शासन में इंपीरियल सिविल सर्विसेज (ICS) अफसर बने थे, जिसे हम आज इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज (IAS) के तौर पर जानते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वांचू का जन्म 25 फरवरी 1903 को मध्य प्रदेश में हुआ था. उन्होंने नौगांव से प्राइमरी शिक्षा पूरी करने के बाद कानपुर के पंडित पृथ्वीनाथ हाई स्कूल से स्कूली पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद वे इलाहाबाद के म्योर सेंट्रल कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी करके ऑक्सफोर्ड के वधम कॉलेज में पढ़ने गए थे.
क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू जी ने क़ानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी ।
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) April 21, 2025
जॉइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर शुरू की थी नौकरी
वांचू ने 1924 में ICS एग्जाम पास करके तहलका मचा दिया था. उस समय किसी भारतीय का यह एग्जाम पास करना बहुत बड़ी बात मानी जाती थी. इसके बाद 1926 में उन्हें जॉइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति मिली थी. उन्होंने यह नौकरी संयुक्त प्रांत (मौजूदा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) में शुरू की थी.
1937 में बन गए थे अदालत में जज
ब्रिटिश शासन में अदालत में जज बनने के लिए लॉ की डिग्री होना अनिवार्य नहीं था. इस नियम के कारण ही वांचू बिना लॉ की डिग्री हासिल किए साल 1937 में जज बन गए थे. उन्हें 1947 में संयुक्त प्रांत में सत्र व जिला जज की नियुक्ति मिली थी. यह नियुक्ति उन्हें ICS की ट्रेनिंग में क्रिमिनल लॉ की पढ़ाई कराए जाने के कारण मिली थी. वांचू को 1947 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में जज बनाया गया. फिर 1951 में वे राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बन गए और 1958 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर एंट्री मिली थी.
लॉ डिग्री नहीं होने पर भी कैसे बने थे भारत के चीफ जस्टिस
अदालत में जज बनने की तरह ही उस समय सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पद के लिए भी कानून की डिग्री होना अनिवार्य नहीं था. इसके चलते 1967 में उन्हें अचानक देश का चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बनने का मौका मिला. दरअसल तत्कालीन CJI के. सुब्बाराव राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना चाहते थे. उन्होंने 11 अप्रैल, 1967 को अचानक इस्तीफा देकर जाकिर हुसैन के खिलाफ राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भर दिया. इसके चलते 12 अप्रैल, 1967 को राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने वांचू को सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिच नियुक्त कर दिया. कुछ लोग इस नियुक्ति को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पसंद मानते हैं. वांचू इसके बाद करीब 10 महीने यानी 24 फरवरी 1968 तक CJI बने रहे.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.
- Log in to post comments

बिना लॉ की डिग्री के बन सकते हैं CJI? नहीं तो कैलाशनाथ वांचू कैसे बने थे, समझिए पूरा मामला