मानसिक अशांति और लगातार बढ़ते स्ट्रेस लेवल पर रोज हजारों लेख और वीडियो प्रकाशित हो रहे हैं. इसलिए ये बताने की जरूरत नहीं है कि दुनिया और प्रबुद्ध वर्ग को आने वाले समय और उस से जुड़ी परेशानियों का पता नहीं है. तो फिर मुझे भी आज यही बात बताने और जताने की क्या आवश्यकता आन पड़ी? दरअसल मैंने अमेज़न प्राइम पर एक फिल्म देख ली जिसका नाम था--Unhinged. 

एक तो इसमें रसेल क्रो जैसा अभिनेता था और फिल्म शुरुआत से ही दमदार थी, सो एक ही सीटिंग में पूरा देख लिया. देखने के बाद बहुत रिलेटेबल महसूस हुआ. इसमें एक जीवन से परेशान और गुस्सैल ट्रक ड्राइवर होता है जो क्रॉसिंग पर एक औरत से नाराज हो जाता है. वो बस इतना चाहता है कि वह औरत उस से माफी मांग ले और बात को खत्म करे. दूसरी तरफ, उस औरत का दिमाग भी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा होता है. बस दोनों के बीच एक अजीब तरह की लड़ाई शुरू हो जाती है जो धीरे-धीरे हिंसात्मक और फिर अति हिंसात्मक होती चली जाती है. लोगों की जान जाने लगती है और ट्रक ड्राइवर किसी भी कीमत पर रुकने के लिए तैयार ही नहीं है. 

फिल्म कथानक के स्तर पर रोचक है लेकिन इसका कथ्य अद्भुत है! क्या उस महिला के माफी मांग लेने से यह सब नहीं होता? क्या यह सब क्षणिक होता है? क्या हिंसा से ही हिंसा को खत्म किया जा सकता है? 

Unhinged सोचने के लिए काफी मसाला देती है और हमसे पूछती है कि शान्ति से जीवन जीने के लिए क्या किसी गुस्सैल और अभद्र व्यक्ति से माफी मांग लेना एक सही फैसला नहीं है? हम रोड रेज में और अपने पास-पड़ोस में भी कई लोगों से मिलते ही रहते हैं जो गुस्से का जवाब और ज्यादा गुस्सा ही समझते हैं. तो क्या हम शुरू से ही आग बबूला हो जाएं और मार-पीट के लिए हर स्तर पर तैयार रहें? 


यह भी पढ़ें:रवि तेजा और श्रीलीला के गाने Tu Mera Lover में इस दिवंगत सिंगर की गूंजी आवाज, AI से हुआ ये चमत्कार



क्या नुकसान के डर से चुप रह कर हम अपना नुकसान होने से नहीं बचा रहे हैं? 

क्या हम मूलतः अपने आपको डरपोक और कमजोर बना और जता रहे हैं? क्या यह चीज हमें आगे और नुकसान नहीं  पहुंचाएगी?

मेरे पास इन बातों का जवाब नहीं है. मुझे नहीं मालूम यह सोचने का सही तरीका भी है या नहीं, पर इन सवालों के जवाब हमको ढूंढ़ने चाहिए.

  अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकx,   इंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
people losing their temper in anger and the ever increasing stress level russell crowe unhinged movie review
Short Title
गुस्से में अपना आपा खोते लोग और लगातार बढ़ता स्ट्रेस लेवल: रसेल क्रो की Unhinged 
Article Type
Language
Hindi
Authors
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Unhinged
Caption

Unhinged 

Date updated
Date published
Home Title

गुस्से में अपना आपा खोते लोग और लगातार बढ़ता स्ट्रेस लेवल: रसेल क्रो की Unhinged 

Word Count
427
Author Type
Author