डीएनए हिंदी: अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की स्टडीज में ये बात सामने आई है कि तीन ब्लड ग्रुप्स ऐसे हैं, जिनमें बाई डिफ़ॉल्ट हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है.दिल का तब आता है जब ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत होती या हार्ट तक ब्लड नहीं पहुंचता तब अटैक की संभावना होती है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने अपनी नई स्टडीज में पाया है कि कुछ बल्ड गुप ऐसे हैं जिनमें हार्ट अटैक की संभावना दूसरे ब्लड ग्रुप वालों से करीब 8 प्रतिशत ज्यादा है. तो चलिए जानें, ये ग्रुप्स कौंन से हैं.
बिगड़ी लाइफस्टाइल, खाने पीने की गलत आदतें और एक्सरसाइज की कमी ही नहीं, तनाव भी दिल के दौरे का जोखिम बढा देता है. अमेरिकन रिसर्च ने एक और कारण इसमें जोड़ दिया है वह है कुछ खास बल्ड ग्रुप में अटैक के जोखिम ज्यादा होता है. हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (HSPH) के नए रिसर्च में क्या दावा किया जा रहा है, चलिए जानें.
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इन 3 Blood Group को होता है हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट बताती है कि ब्लड ग्रुप A, B और AB को हार्ट अटैक के चांसेज ज्यादा होते हैं. वहीं, ब्लड ग्रुप O में हार्ट अटैक के चांसेज इन तीनों ग्रुप से करीब 8 प्रतिशत तक कम होता है. स्टडीज के अनुसार, ए या बी ब्लड ग्रुप वालों को दिल का दौरा पड़ने का 8% जोखिम है तो हार्ट फेलियर का जोखिम 10% है. वहीं, एबी ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हृदय रोग विकसित होने की संभावना दूसरों की तुलना में 23% अधिक पाई जाती है.
A, B and AB को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा
इन तीन ब्लड ग्रुप में हार्ट अटैक आने के चांसेज ज्यादा इसलिए होते हैं , क्योंकि इनके शरीर का खून गाढ़ा होता है और इस कारण इसमें क्लाटिंग के चांसेज ज्यादा होते हैं. टाइप ए और टाइप बी ब्लड में मौजूद प्रोटीन नसों और धमनियों में अधिक ब्लॉकेज का कारण बन सकता है. इसके अलावा इन दोनों ही ब्लड ग्रुप में ब्लड क्लोटिंग और हृदय रोग का खतरा भी ज्यादा है.
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की रिपोर्ट बताती है कि इन तीन ब्लड ग्रुप वाले लोगों में वॉन विलेब्रांड (von Willebrand factor) कारक की अधिक सांद्रता होती है. दरअसल, ये खून में थक्का बनाने वाला प्रोटीन (थ्रोम्बोटिक) प्रोन होते हैं. खून के थक्के दिल के दौरे में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे कोरोनरी धमनी को ब्लॉक कर सकते हैं और ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी से हृदय की मांसपेशियों की सिंकिंग का कारण बन सकते हैं. जिसके कारण दिल का दौरा पड़ सकता है.
O ब्लड ग्रुप में ब्लीडिंग डिसऑर्डर का खतरा ज्यादा
इन सबके अलावा O रक्त प्रकार वाले लोगों को हृदय रोग और रक्त के थक्के जमने का जोखिम थोड़ा कम होता है, लेकिन वे रक्तस्राव या ब्लीडिंग डिसऑर्डर के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं. इसलिए चोट आदि के बाद टाइप ओ वाले लोगों में बाकी ब्लड ग्रुप वालों की तुलना ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है. इसके अलावा एक अन्य शोध में यह भी पाया गया है कि टाइप एबी वाले लोगों में O टाइप वाले लोगों की तुलना में संज्ञानात्मक हानि के लिए जोखिम बढ़ सकता है.
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जानिए बचाव के उपाय
जब स्टडीज से ये साफ हो गया है कि किन कारणों से तीन ब्लड ग्रुप में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है तो यह जरूरी हो गया है कि इन तीन ग्रुप को अपनी सेहत को लेकर ज्यादा सतर्क रहना होगा. इन ग्रुप को कोलेस्ट्रॉल, बीपी या स्ट्रेस से खुद को बचाना होगा. इसके लिए एक हेल्दी लाइफ रुटीन बनानी होगी. रोज 45 मिनट की कार्डियो एक्सरसाइज के साथ लो फैटी हाई रफेज डाइट और प्रोटीन लेना चाहिए. स्ट्रेस फ्री रहने के लिए मेडिटेशन करना चाहिए.
20 साल की स्टडी पर आई रिपोर्ट
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (HSPH) की स्टडी में 20 वर्षों की अवधि में 89,550 वयस्क शामिल किया गया था. स्टडी में पाया गया कि जुटाए डेटा से पता चला कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप AB था, उनमें अन्य लोगों की तुलना में हृदय रोग विकसित होने की संभावना 23 % अधिक थी. जिन लोगों का ब्लड टाइप बी था, उनमें 11 % और टाइप ए ब्लड वाले लोगों में पांच% रिस्क के घेरे में पाए गए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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