डीएनए हिंदीः अगर आपको अब तक यही लगता था कि यूवी रेज या सनबर्न से केवल स्किन या हेयर को ही नुकसान होता है तो बता दें कि ये आपकी आंखों की रौशनी पर भी बेहद हानिकारक प्रभाव डालता है. इसलिए जब अगली बार चिलचिलाती गर्मी में बाहर निकलें तो अपने स्किन के साथ आंखों को भी बेहद ख्याल रखें. क्योंकि आंखें उसी तरह धूप से झुलस सकती हैं जैसे स्किन.
वाराणसी बीएचयू के नेत्र विज्ञान संस्थान (Associate Professor at Regional Institute of Ophthalmology, BHU,Varanasi) के डॉ. दीपक मिश्रा बताते हैं कि पराबैंगनी विकिरण के संपर्क में आने से फोटोकेराटाइटिस हो सकता है, जो सनबर्न के समान एक दर्दनाक आंख की बीमारी है जो आपकी त्वचा के बजाय आपकी आंखों के कॉर्निया को प्रभावित करती है.
यह स्थिति कॉर्निया की पतली सतह परत - आंख की स्पष्ट सामने की खिड़की और कंजंक्टिवा को प्रभावित करती है, जो आंख के सफेद हिस्से और पलकों के अंदर को कवर करने वाला स्पष्ट ऊतक होता है. फोटोकेराटाइटिस, जिसे आमतौर पर धूप से झुलसी आंखें कहा जाता है, तब होता है जब आंखें अत्यधिक पराबैंगनी (UV Rays) विकिरण के संपर्क में आती हैं. यह स्थिति कॉर्निया को अस्थायी नुकसान पहुंचाती है.
फोटोकेराटाइटिस के गंभीर लक्षण जान लें
आंखों में दर्द, लालिमा, किरकिरापन महसूस होना, अत्यधिक आंसू आना, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, धुंधली दृष्टि और अस्थायी दृश्य हानि या आंखों की ब्राइटनेस का बढ़ना होता है. अगर अस्थायी दृश्य हानि या आंखों की ब्राइटनेस का बढ़ गई है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
किन्हें होता है फोटोकेराटाइटिस का खतरा ज्यादा
कुछ व्यक्तियों को फोटोकेराटाइटिस होने का अधिक खतरा होता है, जैसे कि जो व्यक्ति बाहर काफी समय बिताते हैं, विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों जैसे माउंटेन या बर्फीली जगहों में, उन्हें फोटोकेराटाइटिस विकसित होने का अधिक खतरा होता है. विशेषज्ञ ने कहा कि इसके अतिरिक्त, वे लोग जो बढ़े हुए यूवी जोखिम के शिकार होते हैं जो व्यवसायों या गतिविधियों में लगे हुए हैं, जैसे कि वेल्डर या स्नो स्पोर्ट्स के शौकीन आदि.
उपचार एवं निदान
- लक्षण महसूस होते ही धूप से आंखों को बचाएं और आंखों की जांच कराएं जिससे पता चल सके कि आंखों को कितनी क्षति हुई है. वे आपकी आंखों में फ़्लोरेसिन नामक डाई डाल सकते हैं, जो आपके कॉर्निया की सतह पर सतही अनियमितताओं को बताने में मदद करती है.
- डॉ. दीपक बताते हैं कि यदि आप फोटोकेराटाइटिस का अनुभव करते हैं, तो अपनी आंखों को अंधेरे और शांत वातावरण में आराम दें और कुछ आई ड्रॉप डॉक्टर से लें.
- अपनी आँखें रगड़ने केसे बचें. कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से परहेज करें. धूप का चश्मा पहनें जो यूवीए और यूवीबी किरणों को 100% रोकते हों.
- आमतौर पर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच के दौरान सीधे धूप के संपर्क में आना कम से कम करें.
- यदि आप तैराकी या स्कीइंग करते हैं, तो यूवी सुरक्षा वाले चश्मे का उपयोग करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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