भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की घाटी में एक बार फिर से अंतिकियों ने हमला किया है. बीते सोमवार को शांत और सुंदर इलाके पहलमाग में एक आतंकी हमला हुआ. इस हमले में करीब 28 भारतीय नागरिक मारे गए हैं. इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए थे. भारत ने 24 अप्रैल को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था. इस निर्णय के बाद पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई हैं और वह इधर-उधर हाथ पैर मार रहा है. बतादें कि सिंधु नहीं पाकिस्तान का सबसे बड़ा जल स्त्रोत है.
पाकिस्तान पर मंडराया बड़ा जल संकट
अब भारत सरकार के द्वारा एक और ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. दरअसल केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल के निर्देश के बाद भारत ने चिनाब नदी का पानी पाकिस्तान की ओर जाने से रोक दिया है, जिसका असर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में देखा जा रहा है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करने की रणनीति पर काम कर रही है कि भारत से पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाने पाए. इन दोनों नदियों के पानी रोक दिए जाने से पाकिस्नान बड़ा जल संकट मंडरा रहा है.
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क्या है पूरा मामला
पहलगाम में हुए हमले के बाद 24 अप्रैल को भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए आधिकारिक तौर पर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की. इसके संधि के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों, जैसे चिनाब, झेलम, और सतलुज, के पानी का बंटवारा होता है. इस संधि के अनुसार चिनाब और अन्य पश्चिमी नदियों का पानी मुख्य रूप से पाकिस्तान ही जाता हैं. जबकि इसमें भारत को सीमित रुप से उपयोग करने का अधिकार हैं.
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india stopped water flow of chenab to pakistan
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