दिल्ली नगर निगम (MCD Election) में मेयर चुनाव के नतीजे शुक्रवार को जारी कर दिया गया है. उम्मीद के मुताबिक बीजेपी (BJP) पार्षद राजा इकबाल सिंह ने आसानी से यह चुनाव जीत लिया. चुनाव से पहले धांधली और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सिंह की आसान जीत तय मानी जा रही थी, क्योंकि कांग्रेस के पास सिर्फ 8 ही पार्षद हैं. कांग्रेस उम्मीदवार को 8 वोट मिले जबकि बीजेपी को 133 वोट मिले हैं. कुल 142 सदस्यों ने चुनाव में हिस्सा लिया था, जिसमें से एक मत अवैध पाया गया. राजा इकबाल सिंह लंबे समय से दिल्ली की स्थानीय राजनीति में सक्रिय हैं.
कौन हैं दिल्ली के नए मेयर
दिल्ली के नए मेयर इकबाल सिंह ने अपनी राजनीति अकाली पार्टी से शुरू की थी. उनके ससुर भी पहले पार्षद रह चुके हैं और उनकी बहन और बहनोई भी अकाली दल की राजनीति में सक्रिय हैं. 2020 में अकालियों ने कृषि कानून के विरोध में इकबाल सिंह से भी इस्तीफा देने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. हालांकि, अब बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया और वह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर पद पर चुन लिए गए हैं. सिंह के पास दिल्ली की राजनीति का अच्छा अनुभव है और सिख समुदाय के होने की वजह से भी पार्टी ने उन पर वोटों के समीकरण को देखते हुए भरोसा जताया है.
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मेयर चुनाव में दिल्ली के सभी पार्षदों के साथ ही दिल्ली से लोकसभा के सातों सांसद, राज्यसभा के तीनों सांसद और विधानसभा से मनोनीत किए गए 14 विधायकों (20%) को मत देने का अधिकार रहता है. आम आदमी पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार कर दिया था. इसलिए मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही था. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने वरिष्ठ पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया था.
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राजा इकबाल सिंह बने दिल्ली के मेयर
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