डीएनए हिंदी: पिछले कई दिनों से मणिपुर के मामले में विपक्ष में, 'मोदी नहीं आए' 'मोदी क्यों नहीं आए', 'मोदी कब आएंगे', 'मोदी कब बोलेंगे', मोदी क्यों नहीं बोल रहे हैं. ये बातें बोल बोलकर विपक्षी नेताओं ने अपना गला दर्द करवा लिया. अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही बहस में करीब तीन दिनों तक लगातार विपक्षी नेता, मोदी-मोदी-मोदी की माला जप रहे थे. पहले बुधवार को अमित शाह ने विपक्ष को मणिपुर के मसले पर जवाबी फायरिंग का ट्रेलर दिखाया था. ट्रेलर शानदार था. उसमें विपक्ष के हर सवालों के जवाब थे, लेकिन विपक्ष को जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चाहिए था. और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए. ये मानकर चलिए कि आज मोदी आते ही सदन में तूफान आ गया. मतलब जवाबों का तूफान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सवालों पर कुछ ऐसा भाषण दिया जो सदन में ही नहीं, बल्कि विपक्ष के दिमाग में कई वर्षों तक गूंजता रहेगा.
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I.N.D.I.A के अविश्वास प्रस्ताव पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्वसनीय भाषण दिया. ये सिर्फ भाषण नहीं था ये विपक्ष के अविश्वास की चट्टान पर जनता का विश्वास हासिल करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रहार था. मणिपुर हिंसा समेत कई मुद्दों पर विपक्षी नेताओं ने जितने भी वार किए थे, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में उन सभी पर अपने जवाबों से भीषण प्रहार किया. जैसे ही आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा पहुंचे तो उस वक्त अधीर रंजन चौधरी अविश्वास प्रस्ताव पर भी भाषण दे रहे थे. मोदी जैसे ही सदन में दाखिल हुए तो सत्ता पक्ष में जोश आ गया था और अविश्वास प्रस्ताव पर बोल रहे अधीर भी थोड़ी देर के लिए चुप हो गए. प्रधानमंत्री ने शाम 5 बजे के बाद अपना भाषण शुरू किया. जैसा की पहले से ही सबको मालूम था. उन्होंने आते ही विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चुभने वाला त्रिशूल छोड़ दिया. पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर तीन ऐसे तंज किए, जिसपर विपक्षी को लाल और हरी दोनों प्रकार की मिर्ची लग गई.
प्रधानमंत्री मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष पर तीन तंज किए. पहले में उन्होंने भगवान का शुक्रिया किया और इसके बाद विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव के लिए सुझाया. बात उनकी यहीं खत्म नहीं हुई, उन्होंने आगे कहा कि ये अविश्वास प्रस्ताव दरअसल विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है. विपक्ष पर हमला करने के पूरे मूड में नजर आ रहे पीएम मोदी ने विपक्ष को 2018 में कही अपनी ही पुरानी बात भी याद दिलाई. उन्होंने तीसरा तंज ये किया कि उन्हें उम्मीद है कि अब 2028 में विपक्ष पूरी तैयारी करके अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा.
राहुल गांधी ने कही थी ये 3 बातें
गौरतलब है कि बुधवार को हमने राहुल गांधी के भाषण के दौरान उनका जोश देखा था. उन्होंने भारत माता को लेकर कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया था, जिसको संसद की कार्यवाही से भी हटा दिया गया। उन्होंने भी सदन में सत्ता पक्ष की ओर देखते हुए अपने सवालों के जवाब मांगे थे. अपने भाषण में राहुल गांधी ने तीन बातें कहीं थीं.
पहली ये कि प्रधानमंत्री के लिए मणिपुर भारत नहीं है.
दूसरी ये कि मणिपुर में देश की आवाज़ की हत्या हुई.
तीसरी ये कि मोदी सिर्फ दो लोगों की बातें सुनते हैं. इसमें उन्होंने लंका का जिक्र करते हुए कटाक्ष किए थे.
राहुल ही नहीं विपक्ष के कई नेताओं को पीएम ने दिया जवाब
ऐसा लग रहा था कि जब आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के नेताओं खासकर राहुल गांधी के जोशीले सवालों का जवाब देंगे तो शायद राहुल गांधी उसे सुनेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जैसे कल वो भाषण देकर तुरंत सदन छोड़कर चले गए थे. ठीक वैसे ही आज वो सदन के अंदर तो आए, फिर थोड़ी देर में ही बाहर निकल गए. वो सत्ता पक्ष की ओर से जवाब सुनने के लिए नहीं रुके. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल को ही नहीं, कांग्रेस और विपक्ष के कई अन्य नेताओं को भी जवाब दिया. राहुल गांधी के लिए वो खासतौर पर काका हाथरसी की एक कविता का अंश भी लेकर आए थे.
मोदी ने राहुल गांधी के सवालों का जवाब कांग्रेस का इतिहास बताकर दिया। उन्होंने कांग्रेस पर ये कटाक्ष किया कि उनका चुनाव चिन्ह ही नहीं, उनके विचार भी चुराए हुए हैं. प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के संस्थापक A.O Hume से लेकर, 1920 में स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा के लिए लाया गया ध्वज चुराने का भी आरोप लगाया. यही नहीं उन्होंने परिवारवाद पर प्रहार करते हुए गांधी परिवार पर गाँधी सरनेम चुराने का भी आरोप लगाया.
मोदी ने आज सदन में अपने भाषण की शुरूआत में ही बोल दिया था कि उनके पास विपक्ष के हर सांसद द्वारा दिए गए बयानों का लेखा जोखा है। इसका सीधा मतलब यही था कि वो पूरी तैयारी के साथ आए थे और उनके पिटारे में सबके लिए कोई ना कोई कटाक्ष मौजूद था. शुरूआत उन्होंने अधीर रंजन से की लेकिन इसके बाद उन्होंने विपक्ष की एक खास विचारधारा पर प्रहार किया. आपमें से कई दर्शक, Comics के शौकीन होंगे.
विपक्षी को बनाया बांकेलाल कैरेक्टर
वर्ष 1990 और 2000 के दशक में राज कॉमिक्स आया करती थी. उन कॉमिक्स का एक कैरेक्टर था, जिसका नाम था बांकेलाल। ये कॉमिक्स हास्य व्यंग पर आधारित थी. इस कॉमिक्स सीरीज का मेन कैरेक्टर बांकेलाल ही था,जो हमेशा अपने राजा के खिलाफ षडयंत्र किया करता था. लेकिन उसको एक खास वरदान मिला था. इस वरदान को कहते थे 'कर बुरा, हो भला'. उसको ये वरदान था कि 'वो जिसका बुरा चाहेगा, उसका भला हो जाएगा.' पीएम मोदी ने विपक्ष को वही बांकेलाल कैरेक्टर बना दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तंज करते हुए कहा कि विपक्ष के लोगों को भगवान की तरफ से एक Secret वरदान मिला हुआ है। इस वरदान के तहत वो जिसका बुरा चाहते हैं उसका भला हो जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो वो खुद हैं, लेकिन अगर वो खुद को छोड़ भी दें तो भी , उनके पास 3 उदाहरण हैं. वो तीन उदाहरण क्या हैं, अब आपको ये बताते हैं.
-विपक्ष बोला 'बैंकिंग सेक्टर डूबेगा'
वरदान का असर - NPA कम, Net profit बढ़ा
-विपक्ष बोला 'HAL डूबेगा'
वरदान का असर- HAL का Revenue बढ़ा
-विपक्ष बोला- LIC डूबेगा
वरदान का असर- LIC का मुनाफा बढ़ा
पीएम मोदी ने फेक्ट देकर समझाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तंज करते हुए, यहां तक बोल दिया कि अगर विपक्ष किसी सरकारी कंपनी के बारे में बुरा भला कहे, तो उसके शेयर खरीद लेना, वो ज़रूर बढ़ेगा. बहुत से लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इन दावों का सच भी जानना चाहते होंगे तो हम आपको इससे जुड़े कुछ FACTS भी बताना चाहते हैं. देश के 12 सरकारी बैंक वर्ष 2017-2018 में पचासी हज़ार करोड़ रुपये के नुकसान में थे. लेकिन वित्त वर्ष 2021-2022 में उन्हे साढ़े छियासठ हजार करोड़ का मुनाफ़ा हुआ. वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में ये मुनाफ़ा बढ़कर 1 लाख 4 हजार 6 सौ उन्चास करोड़ रुपये हो चुका है.
- बैंकों का NPA वर्ष 2016 में करीब 10 प्रतिशत था. CRISIL की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक ये NPA घटकर 3.8 प्रतिशत रह जाएगा, जो पिछले 10 वर्षों में सबसे कम है.
- HAL की बात करें तो जून में PM मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान HAL और अमेरिका के GENERAL ELECTRIC के बीच, FIGHTER JET ENGINE बनाने के लिए करार हुआ है. यही नहीं जिस HAL की MARKET VALUE वर्ष 2020 में 12 हजार करोड़ थी. वो वर्ष 2023 में करीब दोगुनी होकर 23 हजार 500 करोड़ से ज़्यादा हो गई है.
- LIC को विपक्ष ने बर्बाद कंपनी बता दिया था, लेकिन LIC का मुनाफ़ा पिछले 3 वर्षों में कई गुना बढ़ चुका है। वर्ष 2020 में LIC को 2 हजार सात सौ 10 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा हुआ था. वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में ये मुनाफ़ा बढ़कर लगभग छत्तीस हजार करोड़ हो गया है.
इसी तरह LIC की MARKET VALUE जो वर्ष 2020 में लगभग 1 हजार करोड़ थी, वो अब छियालीस हज़ार करोड़ से ज़्यादा है. इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के सवालों के जवाब के लिए होमवर्क करके आए थे.
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