भारत ने वक्फ संशोधन कानून पर पाकिस्तान द्वारा की गई टिप्पणियों पर आलोचना की. भारत ने कहा कि हमें बताने की जरूरत नहीं है. पहले अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के मामले में पाकिस्तान को खुद अपना खराब रिकॉर्ड देखना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम भारत की संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन अधिनियम पर पाकिस्तान द्वारा की गई प्रेरित और निराधार टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज करते हैं.
रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. पाकिस्तान जब अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की बात करता है तो उसे खुद के गिरेबान में झांककर देखना चाहिए.
यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 2025 (UMEED अधिनियम) के अधिनियम को वक्फ संपत्तियों से सामाजिक लाभ के लिए 1913 और 2025 के बीच वक्फ कानूनों में किए गए सुधारों में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में चिह्नित किया गया है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, 'भारत में 1913 से 2025 तक वक्फ कानूनों में किए गए बदलाव समाज के लाभ के लिए वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए एक मजबूत प्रयास को दर्शाते हैं.'
केंद्र सरकार का मानना है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 वक्फ प्रबंधन को अधिक पारदर्शी, जिम्मेदार और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि वक्फ समितियों का नेतृत्व अभी भी मुसलमान करेंगे और इसमें कोई धार्मिक या सामुदायिक पक्षपात शामिल नहीं है.
गलतफहमियां फैलाने की कोशिश
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, 'वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के हित में है. इससे उनके बीच के गरीबों को लाभ होगा और उन्हें खुद को नए सिरे से विकसित करने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस विधेयक के बारे में भी गलतफहमियां फैलाने की कोशिश कर रहा है. उसके दुष्प्रचार के झांसे में न आएं.
(With PTI inputs)
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Randhir Jaiswal
'हमें मत बताओ, अपने गिरेबान में झांककर देखो...' वक्फ कानून पर बोला पाकिस्तान तो भारत ने लताड़ा