डीएनए हिंदी: गुजरात के बोटाद जिले के रोजिड गांव में जहरीली शराब की त्रासदी (Hooch Tragedy) में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में शराबबंदी (Liquor Ban) के बावजूद ऐसा हादसा होने के बाद रोजिड गांव के लोगों ने खुद इसके खिलाफ लड़ने का फैसला लिया है. हादसे के बाद गांव में आयोजित शोकसभा में फैसला लिया गया कि अब गांव के लोग मिलकर पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे.
बैठक में गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अमित चावड़ा और धंधुका के मौजूदा विधायक राजेश गोहिल भी मौजूद थे. जब ग्राम सरपंच जद डूंगरानी ने यह प्रस्ताव रखा कि गांव में शराब की बिक्री, व्यापार, मद्यपान और निर्माण पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है, यदि कोई अधिनियम और संकल्प का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो ग्राम पंचायत ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगी. पूरे गांव ने एक स्वर में संकल्प पारित किया.
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बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे कांग्रेस नेता
ग्राम सरपंच डूंगरानी ने कहा कि न केवल ग्रामीणों ने संकल्प का पालन करने की शपथ ली है, बल्कि इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी एकजुट रहेंगे. अमित चावड़ा ने उन बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया है, जिनके पिता की अवैध शराब पीने से मौत हो गई है. चावड़ा ने कहा कि बोरसाड स्थित एक शिक्षा ट्रस्ट, जो आश्रम शाला भी चलाता है, कक्षा एक से बारहवीं तक के छात्रों का खर्च वहन करेगा.
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अब, कई गांव अपने गांवों में शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने के आंदोलन में शामिल हो रहे हैं. खेड़ा जिले की निराली ग्राम पंचायत ने 1 अगस्त से जिले में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया है. ग्राम सरपंच जुवांसिंह परमार ने स्थानीय मीडिया से कहा कि पंचायत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करेगी.
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गुजरात में हुआ था जहरीली शराब कांड
Gujarat: जहरीली शराब से गई 42 की जान, अब गांव वाले खुद ही लागू करेंगे शराबबंदी