उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के निवासियों को अब बिजली इस्तेमाल करने पर ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. प्रदेश में 5 साल बाद बिजली की दरों में बढ़ोतरी की जा रही है. बिजली कंपनियों ने इस वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल 2025) से फ्यूल सरचार्ज लगाया है. इसकी वजह से उपभोक्ताओं को बिजली के साथ ही फ्यूल सरचार्ज के लिए अलग से कीमत चुकानी होगी. गर्मी के महीनों में बिजली का बढ़ा हुआ बिल लोगों के पसीने छुड़ा सकता है. सरचार्ज के तहत अगर किसी महीने बिजली के उत्पादन के लिए लगने वाले ईंधन कोयला वगैरह का खर्चा कम आता है, तो इसी अनुपात में बिजली का बिल भी कम होगा. सरचार्ज लगाने की वजह से अब हर महीने बिजली बिल में भी काफी अंतर रह सकता है. जानें क्या है यह नया शुल्क और इसके लागू होने की वजह से आम आदमी की जेब पर कितना असर पड़ सकता है.
सरचार्ज के तौर पर कितनी रकम चुकानी पड़ेगी समझें यहां
उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों ने फ्यूल सरचार्ज लगाने का ऐलान किया है. अब समझते हैं कि इसके तहत आम उपभोक्ताओं को कितनी अतिरिक्त रकम चुकानी पड़ सकती है. एक अनुमान के मुताबिक, अगर किसी घर का बिजली बिल मार्च महीने में 1,000 रुपये आया है, तो अब इस पर 12.40 रुपये सरचार्ज के तौ पर चुकाना होगा. यूपी में आखिरी बार साल 2019 में बिजली की दरें बढ़ाई गई थीं. बिजली उत्पादन कंपनियों ने आयोग में वार्षिक राजस्व आवश्यकता यानी एआरआर दाखिल किया है. इस पर अगले दो-तीन महीने में फैसला आ सकता है.
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सूत्रों के मुताबिक, बिजली कंपनियों के एआरआर पर विचार किया जा रहा है. इसके बाद नई दरें लागू की जा सकती हैं. प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवासीय, औद्योगिक और कार्यालयी परिसरों समेत विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं के बिजली बिल में बढ़ोतरी की जा सकती है. यह वृद्धि 10 से 20 फीसदी तक हो सकती है.
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यूपी में 5 साल बाद बढ़े बिजली के दाम
UP News: 5 साल बाद यूपी में बढ़े बिजली के दाम, जानें कितना पड़ेगा अब आम आदमी की जेब पर असर