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Congress का 'एक परिवार, एक टिकट' नियम, खतरे में इन नेताओं के वारिसों का करियर!

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Submitted by Nilesh Mishra on Mon, 05/16/2022 - 12:44

कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में पार्टी ने फैसला किया है कि अब एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा. पार्टी के इस नियम की वजह से कई नेताओं के राजनीतिक वारिसों का भविष्य संकट में पड़ सकता है. हालांकि, कांग्रेस ने इस नियम में एक शर्त लगाकर कई नेताओं को एक तरह की राहत भी दे दी है. इससे यह हो सकता है कि कई नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट मिल भी जाए.
 

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भूपेंद्र सिंह हुड्डा- दीपेंद्र हुड्डा
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हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनने की चाह में हैं. उनके बेटे और पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी खूब पसीने बहा रहे हैं. दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सदस्य हैं लेकिन वह हरियाणा में काफी सक्रिय रहते हैं. एक परिवार एक टिकट के तहत उन्हें भी समस्या हो सकती है. हालांकि, भूपेंद्र हुड्डा की उम्र को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि दीपेंद्र हुड्डा के भविष्य पर ज्यादा संकट नहीं है.

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कमलनाथ और नकुल नाथ
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मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा से लोकसभा के सांसद हैं. कमलनाथ भी इस समय विधायक हैं और मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं. एक परिवार एक टिकट की नीति के तहत उन्हें भी समस्या हो सकती है. हालांकि, पांच साल वाली शर्त से नकुलनाथ को राहत मिल सकती है, क्योंकि वह राजनीति में काफी समय से सक्रिय हैं.

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प्रमोद तिवारी और आराधना मिश्रा मोना
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी अब किसी सदन के सदस्य नहीं हैं. उनकी बेटी आराधना मिश्रा 'मोना' उत्तर प्रदेश की रामपुर खास विधानसभा सीट से विधायक हैं. लंबे समय से ये दोनों नेता राजनीति में सक्रिय हैं. प्रमोद तिवारी के बारे में यह भी कहा जाता है कि अब वह चुनावी राजनीति में नहीं उतरेंगे.

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दिग्विजय सिंह- जयवर्धन सिंह
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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायक हैं. उन्हें अपने पिता का राजनीतिक वारिस माना जाता है. हालांकि, अगर कांग्रेस सख्ती से एक परिवार एक टिकट का नियम लागू करे तो दो में से एक नेता को घर बैठना पड़ सकता है. इसके बावजूद, इस नियम में मौजूद लूपहोल से इन दोनों नेताओं को कोई खतरा नहीं है.

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अशोक गहलोत और वैभव गहलोत
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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी राजनीति में अपना रास्ता तलाश रहे हैं. वह 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरे भी थे लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके. एक परिवार एक टिकट का नियम उन पर भी लागू हो सकता है, लेकिन अब उन्होंने राजनीति में कई साल बिता लिए हैं. राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के समय इसी बात पर विरोध जताया था कि लोग अपने बेटे-बेटियों को चुनाव लड़ाने में व्यस्त हैं.

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पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम
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पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम अभी राज्यसभा सांसद हैं. उनके बेटे कार्ति चिदंबरम लोकसभा के सांसद हैं. कांग्रेस के एक परिवार एक टिकट नियम के मुताबिक, उन्हें भी समस्या हो सकती है. इनके अलावा उन नेताओं को ज्यादा समस्या हो सकती है जो पहली बार किसी चुनाव में उतर रहे हों. एक बार चुनाव लड़कर जीतने या हारने के बाद अगर ऐसे नेता कांग्रेस में बने रहते हैं तो वे पांच साल के नियम का पालन करेंगे और टिकट के योग्य माने जाएंगे.

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Congress का 'एक परिवार, एक टिकट' नियम, खतरे में इन नेताओं के वारिसों का करियर!
Section Hindi
भारत
लेटेस्ट न्यूज
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one family one ticket rule
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Sonia Gandhi
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congress party one family one ticket rule may stop these leaders
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Nilesh Mishra
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Nilesh Mishra
Language
Hindi
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खतरे में पड़ सकता है कांग्रेस नेताओं के वारिसों का भविष्य
Date published
Mon, 05/16/2022 - 12:44
Date updated
Mon, 05/16/2022 - 12:44
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Congress का 'एक परिवार, एक टिकट' नियम, खतरे में इन नेताओं के वारिसों का करियर!